आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में स्थित कैल्वरी टेम्पल चर्च के खिलाफ जारी आदेश और उससे जुड़ी घटनाएँ काफी विवादास्पद और संवेदनशील हैं। यह मामला कई पहलुओं से जुड़ा हुआ है, जिनमें धार्मिक संवेदनाएँ, कानूनी मुद्दे और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच असंतोष की संभावना शामिल है।
**Calvari temple actively converting around 3 thousand hindus every month to Christianity**
Foreign origin news channels are claiming that …calvari Temple in Hyderabad run by paster Sathish is actively converting around 3 thousand hindus every month to Christianity… so far… pic.twitter.com/6zSDcA5hBb
— Devika Journalist (@DevikaRani81) October 26, 2024
घटना का विवरण:
- कैल्वरी टेम्पल चर्च का मामला:
- यह चर्च पेडकाकनी मंडल के नम्बुरु गाँव में स्थित है और इसे अवैध रूप से चलाया जा रहा था, यह जांच में सामने आया था।
- चर्च के खिलाफ शिकायत नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री कार्यालय को दी गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इसका संचालन विभिन्न सरकारी विभागों से कानूनी अनुमति के बिना हो रहा था।
- शिकायत में यह भी कहा गया था कि पादरी सतीश कुमार ने दान के जरिए लोगों को लूटा और टैक्स का भुगतान किए बिना चर्च चलाया।
- धर्मांतरण गतिविधियाँ:
- जांच के दौरान यह भी सामने आया कि चर्च हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए फर्जी दावे और प्रलोभन दे रहा था।
- पादरी सतीश कुमार ने दावा किया था कि उन्होंने 3.5 लाख से अधिक हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित किया है और भविष्य में 40 चर्च स्थापित करने की योजना बनाई थी।
- कानूनी और प्रशासनिक कदम:
- 28 अक्टूबर 2024 को काकीनाडा के जिला कलेक्टर के आदेश पर, कैल्वरी टेम्पल चर्च को ज़ब्त किया गया और इसके खिलाफ भूमि कब्जाने, संदिग्ध समझौतों के जरिए नए चर्च बनाने, और अन्य कानूनी उल्लंघनों के आरोप लगाए गए थे।
- चर्च पर अवैध रूप से संचालित होने, दान के जरिए लोगों को धोखा देने, और धर्मांतरण करने का आरोप भी है।
- सतीश कुमार का प्रभाव:
- पादरी सतीश कुमार का आंध्र प्रदेश और विदेशों में भी राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव है। उनका संगठन कैल्वरी बाइबल कॉलेज, अस्पताल और स्कूल जैसे संस्थानों को संचालित करता है।
- वे अक्सर मिशनरी गतिविधियों के लिए विभिन्न देशों में यात्रा करते हैं और अंतरराष्ट्रीय ईसाई समुदायों में उनका विशेष प्रभाव माना जाता है।
#BIGNEWS:
Following orders from the Kakinada District Collector, revenue officials have confiscated the Calvary Temple, a digital church branch operated by Pastor Satish Kumar from Hyderabad. pic.twitter.com/KL8rCKUIPA
— Legal Rights Protection Forum (@lawinforce) October 28, 2024
समाज और कानून के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पहलू:
- कानूनी कार्यवाही: इस मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है, और यदि चर्च अवैध रूप से चल रहा था, तो इसके खिलाफ उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। अवैध धर्मांतरण गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखी जानी चाहिए।
- धार्मिक संवेदनाएँ: इस घटना से संबंधित धार्मिक भावनाएँ प्रभावित हो सकती हैं, क्योंकि धर्मांतरण का मुद्दा समाज में अक्सर विवाद का कारण बनता है। इस मामले में पुलिस और प्रशासन को तटस्थ और संवेदनशील तरीके से काम करना होगा ताकि किसी भी समुदाय के बीच तनाव न बढ़े।
- सामाजिक प्रभाव: इस प्रकार की घटनाएँ समाज में विभाजन और असंतोष को बढ़ा सकती हैं, और इसके प्रभाव को समझते हुए प्रशासन को सामुदायिक सहमति बनाने का प्रयास करना चाहिए।
कुल मिलाकर, यह मामला कई जटिल मुद्दों को उठाता है, जिनमें कानूनी, सामाजिक और धार्मिक संदर्भ शामिल हैं। इसे सुलझाने के लिए स्पष्ट और संवेदनशील दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
Inspiring to meet with Dr. Satish Kumar – pastor of Calvary Temple Church in Hyderabad, India. We discussed the importance of protecting religious freedom with faith leaders including Dr. David Jeremiah, Dr. John Ankerberg, Steve Green, Mart Green, and Dr. Jerry Johnson. pic.twitter.com/8efaTPtFub
— Vice President Mike Pence Archived (@VP45) May 8, 2018
चर्च की स्थापना
कैल्वरी टेम्पल इंडिया की स्थापना 2005 में सतीश कुमार ने की थी। उन्हें अक्सर एक सम्मानित पादरी, लेखक और अंतरराष्ट्रीय वक्ता बताया जाता है। उन्हें दूरदर्शी नेतृत्व और ईमानदार बताया जाता है। हालाँकि, जाँच में उनके मिशनरी कामों का पता चला। पादरी सतीश ‘बाइबिल के मानकों’ पर जोर देते हैं, जो रणनीतिक रूप से उनके अनुयायियों को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया लगता है।
यह भारत में आक्रामक तरीके से धर्मांतरण को बढ़ावा देने के उनके लक्ष्य को दिखाता है। चर्च की वेबसाइट पर कैल्वरी के बारे में खूब प्रशंसा की गई है। इसमें चर्च के 400,000 सदस्य होने का दावा किया गया है। ये सब कुछ हिंदुओं को लक्षित करने के लिए धन जुटाने की रणनीति के तहत किया गया लगता है। कैल्वरी चर्च का यह भी दावा है कि चर्च का निर्माण केवल 52 दिनों में किया गया था।
जब कैल्वरी बाइबिल कॉलेज और कैल्वरी अस्पताल जैसी पहलों के साथ-साथ प्रदान किए जाने वाले मुफ़्त भोजन पर विचार किया जाता है, तो यह परोपकार के बारे में कम और धार्मिक साम्राज्य के निर्माण के बारे में अधिक प्रतीत होता है। पादरी सतीश कुमार अपनी कई गतिविधियों के कारण कुख्यात हो चुके हैं। हालाँकि, ईसाई उनकी गतिविधियों को समुदाय के लिए एक बड़ी सेवा मानते हैं।