भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को भविष्य में युद्ध को लेकर कड़ी चेतावनी जारी की है। राजनाथ सिंह ने 77वें सेना दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा है कि आने वाले दिनों में संघर्ष और युद्ध अधिक हिंसक तथा अप्रत्याशित हो जाएंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके साथ ही अनेक देशों में गैर-सरकारी तत्वों’ का उभरने और उनका आतंकवाद का सहारा लेने पर भी चिंता जाहिर की है।
Attended the 77th Army Day celebrations at Pune today. The Govt is transforming the Armed Forces into a modern warfare machine in view of dynamic geopolitical world order.
In near future conflicts and wars will become more violent & unpredictable. The emergence of non-state… pic.twitter.com/k4PywIAXAt
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 15, 2025
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सेना दिवस पर संबोधन की मुख्य बातें
1. भविष्य के युद्ध की चुनौतियाँ
- रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी कि आने वाले समय में युद्ध अधिक हिंसक और अप्रत्याशित होंगे।
- उन्होंने कहा कि संघर्ष में गैर-पारंपरिक और विषम तरीकों का उपयोग बढ़ रहा है।
- गैर-सरकारी तत्वों के उभरने और आतंकवाद का सहारा लेने पर भी चिंता व्यक्त की गई।
2. आधुनिक और आत्मनिर्भर सेना
- भारत सरकार सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
- रक्षा मंत्री ने कहा कि बदलती वैश्विक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना को नई तकनीकों और रणनीतियों के लिए तैयार किया जा रहा है।
- 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के लिए मजबूत सेना और सुरक्षित सीमाओं को अनिवार्य बताया।
3. नए युद्ध क्षेत्र: साइबर और अंतरिक्ष
- राजनाथ सिंह ने कहा कि तकनीक के तेज विकास के कारण साइबर और अंतरिक्ष नए युद्ध क्षेत्र के रूप में उभर रहे हैं।
- उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में सेना को तैयार रहना होगा, क्योंकि ये भविष्य के युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
- विमर्श का युद्ध (Narrative Warfare) भी एक नई चुनौती के रूप में उभर रहा है।
4. शांति और ताकत का संबंध
- रक्षा मंत्री ने बल दिया कि शांति कायम रखने के लिए ताकत होना जरूरी है।
- उन्होंने रणनीतिक स्वायत्तता (Strategic Autonomy) के लिए आत्मनिर्भरता को आवश्यक बताया।
- छत्रपति शिवाजी महाराज और बाल गंगाधर तिलक जैसे वीर नायकों का स्मरण करते हुए, उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष हमें प्रेरणा देता है।
5. भारत की सुरक्षा दृष्टि
- राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की मजबूत सुरक्षा प्रणाली ही एक विकसित राष्ट्र के निर्माण का आधार होगी।
- सरकार का ध्यान सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र पर केंद्रित है।
रक्षा मंत्री का यह संबोधन भारतीय सेना की बदलती भूमिका और भविष्य की चुनौतियों को दर्शाता है। साइबर, अंतरिक्ष, और विमर्श के युद्धों से निपटने के लिए सेना को तैयार करना, आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता देना, और शांति के लिए ताकत का प्रदर्शन करना उनकी रणनीतिक सोच का हिस्सा है। इस दृष्टिकोण से भारत न केवल अपनी सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा।