उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ का आज चौथा दिन है, और संगम की रेती पर हजारों श्रद्धालु भक्ति भाव के साथ आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। मकर संक्रांति के मौके पर हुए पहले ‘अमृत स्नान’ के बाद अब योगी सरकार मौनी अमावस्या के अवसर पर होने जा रहे दूसरे ‘अमृत स्नान’ की तैयारियों में जुट गई है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पहले अमृत स्नान की व्यवस्थाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को दूसरे अमृत स्नान के लिए युद्धस्तर पर तैयारियों के निर्देश दिए हैं।
1. महाकुंभ में श्रद्धालुओं की आस्था
महाकुंभ के चौथे दिन संगम की रेती पर हजारों श्रद्धालु आस्था और भक्ति के साथ स्नान कर रहे हैं। मकर संक्रांति पर हुए पहले अमृत स्नान में 6 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया। अब मौनी अमावस्या के लिए 8-10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।
2. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तैयारियों की समीक्षा
- मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बिजली, पानी, परिवहन, और मोबाइल नेटवर्क जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
- रोडवेज बसों और रेलवे की सेवाओं के सुचारू संचालन के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है।
- घाटों की बैरिकेडिंग और सुरक्षा प्रबंधों पर जोर दिया जा रहा है।
- 21-22 जनवरी को संगम तट पर कैबिनेट मीटिंग आयोजित हो सकती है, जिसमें तैयारियों की अंतिम समीक्षा की जाएगी।
3. महाकुंभ का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
महाकुंभ में साधु-संतों और अंतरराष्ट्रीय भक्तों की उपस्थिति ने भव्यता को और बढ़ा दिया है।
- हठयोगी, नागा साधु, और विदेशी संतों की भागीदारी इस बार आकर्षण का केंद्र बनी है।
- कुछ विशेष संत:
- बाबा अभय सिंह: IIT इंजीनियरिंग के बाद साधु जीवन अपनाने वाले।
- बाबा मलंग: कांटों पर लेटने वाले संत।
- साध्वी कैइको अकावा: जापान से आईं महिला साध्वी।
- महाकुंभ भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का वैश्विक प्रचार करने का मंच बन रहा है।
4. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा प्राथमिकता
प्रशासन पहले अमृत स्नान के दौरान की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहा है, ताकि मौनी अमावस्या पर किसी भी तरह की अव्यवस्था और परेशानी से बचा जा सके।
प्रयागराज महाकुंभ न केवल आस्था और भक्ति का केंद्र है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, सनातन परंपरा और वैश्विक आध्यात्मिकता का प्रतीक भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव प्राप्त हो। मौनी अमावस्या स्नान महाकुंभ का एक और भव्य अध्याय लिखने के लिए तैयार है।