प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी की घोषणा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत और खुशी का कारण बनी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि हालांकि आयोग के गठन की सटीक तारीख की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन इसे 2026 में लागू किए जाने की संभावना है।
8वें वेतन आयोग की मुख्य बातें:
- गठन और कार्यान्वयन की योजना:
- 8वें वेतन आयोग का गठन 2026 में संभावित है।
- आयोग के कार्यान्वयन की तारीख और अन्य विवरण बाद में घोषित किए जाएंगे।
- फिटमेंट फैक्टर में सुधार:
- फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86 करने की संभावना है।
- इससे केंद्रीय कर्मचारियों के मूल वेतन और पेंशन में बड़ा इज़ाफा होगा।
- संभावित वेतन वृद्धि:
- वर्तमान न्यूनतम वेतन ₹18,000 है, जो संशोधित फिटमेंट फैक्टर के आधार पर बढ़कर ₹51,480 तक हो सकता है।
- यह वृद्धि न केवल वेतन बल्कि महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी।
- केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ:
- 8वें वेतन आयोग के तहत 1 करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।
- इसमें वेतन, पेंशन, और अन्य भत्तों में संशोधन शामिल होगा।
7वें वेतन आयोग का कार्यकाल:
- 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू हुई थीं।
- इसकी अवधि 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होगी।
- 7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को 2.57 पर सेट किया गया था।
राज्य सरकार के कर्मचारियों की उम्मीदें:
- राज्य सरकार के कर्मचारी भी 8वें वेतन आयोग के तहत संभावित बदलावों का इंतजार कर रहे हैं।
- केंद्र द्वारा आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद राज्य सरकारें आमतौर पर इन्हें अपनाती हैं।
कर्मचारियों पर संभावित प्रभाव:
- मूल वेतन:
- न्यूनतम वेतन में वृद्धि से कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
- मध्यम वर्गीय सरकारी कर्मचारियों को सबसे अधिक लाभ होगा।
- भत्ते और पेंशन:
- महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) में भी संशोधन होगा।
- सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन में वृद्धि से उनकी आर्थिक स्थिरता बढ़ेगी।
- समग्र आर्थिक प्रभाव:
- वेतन में वृद्धि से खपत बढ़ने की उम्मीद है, जो अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देगा।
8वें वेतन आयोग की घोषणा केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल कर्मचारियों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, इसके सटीक कार्यान्वयन की तारीख और अन्य विवरणों का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।