बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मौजूदा स्थिति और उनके दावों ने बांग्लादेश और भारत के राजनीतिक और कूटनीतिक परिदृश्य में बड़ी हलचल मचा दी है। उनकी भावुक अपील और हत्या की साजिश के दावों ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बांग्लादेश के राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा चिंताओं की ओर खींचा है।
शेख हसीना के दावे
- शेख हसीना ने एक इमोशनल वीडियो में बताया कि 5 अगस्त 2024 को छात्रों के नेतृत्व वाले हिंसक प्रदर्शनों के दौरान उनकी और उनकी बहन शेख रेहाना की हत्या की कोशिश हुई थी।
- उन्होंने कहा कि अगर वे 20-25 मिनट की देरी से निकलतीं, तो उनकी हत्या हो सकती थी।
- उन्होंने इसे “ऊपरवाले की कृपा” बताया कि वे इस साजिश से बच निकलीं।
भारत में शेख हसीना का प्रवास
- बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना भारत के हिंडन एयरबेस पहुंचीं, जहां से उन्हें दिल्ली के एक सेफहाउस में स्थानांतरित किया गया।
- भारत सरकार ने शेख हसीना की वीजा अवधि बढ़ा दी है, जिससे उनके भारत में रहने में किसी तरह की कानूनी अड़चन नहीं है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और प्रत्यर्पण की मांग
- बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है।
- यूनुस कई बार उनके प्रत्यर्पण की मांग कर चुके हैं, और उनके खिलाफ बांग्लादेश में कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
- शेख हसीना पर अंतर्राष्ट्रीय अदालत में भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति
- जनवरी 2024 में हुए आम चुनावों में शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने 300 में से 224 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
- इसके बावजूद, राजनीतिक अस्थिरता, हिंसक विरोध प्रदर्शन, और आरोप-प्रत्यारोप ने देश में उथल-पुथल मचाई हुई है।
- हसीना, जो 2009 से प्रधानमंत्री पद पर थीं, बांग्लादेश की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली महिला प्रधानमंत्री हैं।
भारत की भूमिका
- भारत सरकार का शेख हसीना को वीजा विस्तार देना यह संकेत देता है कि भारत हसीना को सुरक्षा और समर्थन प्रदान कर रहा है।
- हसीना के भारत में प्रवास और सुरक्षा के मामले को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि भारत उनकी स्थिति को गंभीरता से ले रहा है।
- हालांकि, भारत पर प्रत्यर्पण को लेकर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ सकता है, और यह मामला भारत-बांग्लादेश के रिश्तों पर असर डाल सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य
- बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और हसीना के खिलाफ मुकदमों ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है।
- यदि शेख हसीना को प्रत्यर्पित किया जाता है, तो यह बांग्लादेश के राजनीतिक भविष्य और हसीना के समर्थकों के बीच बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शनों को जन्म दे सकता है।
- वहीं, भारत का समर्थन हसीना के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सुरक्षा और कूटनीतिक बैलेंस प्रदान कर सकता है।
शेख हसीना की वर्तमान स्थिति और बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता ने दक्षिण एशिया के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया अध्याय जोड़ा है। भारत द्वारा शेख हसीना को सुरक्षा देना न केवल हसीना के लिए जीवन रक्षक साबित हो रहा है, बल्कि यह भारत-बांग्लादेश संबंधों को भी नई चुनौतियों के सामने खड़ा कर सकता है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस संवेदनशील स्थिति को कैसे संभालते हैं।