गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में स्थित समुद्री क्षेत्र के 21 निर्जन टापुओं में से 7 टापुओं को अवैध कब्जों से मुक्त करने का महत्वपूर्ण अभियान प्रशासन द्वारा पूरा किया गया है। इस कार्रवाई में खारा चुसणा, मीठा चुसणा, आशाबा, धोरोयो, धबधबो, सामयाणी, और भैदर टापुओं पर बने 36 अवैध धार्मिक और व्यावसायिक निर्माणों को ध्वस्त किया गया।
मुख्य बिंदु:
- अवैध निर्माणों की समाप्ति:
- खारा चुसणा और मीठा चुसणा टापुओं पर 15 प्रमुख अवैध निर्माण पूरी तरह से तोड़े गए।
- इन टापुओं पर कई वर्षों से अतिक्रमण कर अवैध गतिविधियां चल रही थीं।
- सुरक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण:
- ये टापू रणनीतिक रूप से भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
- गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने इस कार्रवाई को भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण के लिए अहम कदम बताया।
- अवैध गतिविधियों पर लगाम:
- इन टापुओं पर अवैध तस्करी और अन्य आपराधिक गतिविधियां संचालित हो रही थीं।
- प्रशासन ने इन गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम बनाई।
- पिछले अभियान:
- बेट द्वारका में भी हाल ही में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया था, जिसमें 50 से अधिक रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल निर्माण ध्वस्त किए गए।
- यह अभियान 2022 में शुरू हुआ था और सर्वे के बाद एक बार फिर प्रशासन ने इसे तेज किया।
गृह मंत्री की प्रतिक्रिया:
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“देवभूमि द्वारका! द्वारका जिले के 7 द्वीप अब 100% अतिक्रमण मुक्त हो चुके हैं। हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रशासन और टीम को बधाई।”
DevBhoomi Dwarka!
The 7 islands of Dwarka district are NOW 100% encroachment-free!
A total of 36 illegal structures have been successfully removed from the seven islands.
Kudos to the Administration and team for their dedication and commitment to preserving our cultural… pic.twitter.com/cOU9AWfoPE
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) January 21, 2025
महत्व:
- यह अभियान भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम है, क्योंकि ये द्वीप तटीय निगरानी और रक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं।
- सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों को संरक्षित रखने के लिए प्रशासन का यह कदम सराहनीय है।
- अतिक्रमण मुक्त इन द्वीपों का भविष्य में पर्यटन, अनुसंधान, और पर्यावरण संरक्षण के लिए उपयोग हो सकता है।
आगे की योजना:
प्रशासन अब इन अवैध निर्माणों के पीछे के दोषियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। पुलिस और वन विभाग इस मामले में ठोस कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस प्रकार, देवभूमि द्वारका के टापुओं को अतिक्रमण मुक्त करना सुरक्षा, सांस्कृतिक संरक्षण, और कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक प्रभावी पहल है।