प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के 10 साल पूरे होने पर इसे एक परिवर्तनकारी और जन-शक्ति से संचालित पहल बताया है। यह अभियान बालिकाओं के जीवन, उनकी शिक्षा और उनके अधिकारों को सुरक्षित करने की दिशा में देशभर में एक प्रेरक आंदोलन बन चुका है।
अभियान की उपलब्धियां:
- लैंगिक भेदभाव में कमी:
- कम बाल लिंग अनुपात वाले जिलों में सुधार।
- लैंगिक समानता को लेकर जागरूकता में वृद्धि।
- शिक्षा का प्रचार:
- बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर काम।
- उनके सपनों को पूरा करने के अवसर प्रदान करना।
- समाज की भागीदारी:
- इस अभियान में हर वर्ग के लोगों और सामुदायिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी।
- समाज में बेटियों के अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ी है।
प्रधानमंत्री का संदेश:
- सामाजिक सुधार की अपील:
पीएम मोदी ने समाज के सभी वर्गों से बेटियों के अधिकारों की रक्षा, उनकी शिक्षा और उनके सपनों को साकार करने में योगदान देने का आह्वान किया। - भविष्य के लिए आशा:
उन्होंने कहा कि यह अभियान भारत की बेटियों के लिए प्रगति और अवसरों के नए द्वार खोलने में सहायक होगा।
अभियान का महत्व:
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान ने न केवल जागरूकता बढ़ाई, बल्कि लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और अधिकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए। यह पहल समाज में बेटियों के प्रति सोच बदलने और उनके लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
प्रधानमंत्री के आह्वान के साथ, यह स्पष्ट है कि सरकार और समाज मिलकर बेटियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि वे बिना किसी भेदभाव के अपने सपनों को साकार कर सकें।