ब्रिटेन में कंगना रनौत की फिल्म “इमरजेंसी” के विरोध में खालिस्तानी तत्वों द्वारा किए गए हिंसक और धमकी भरे घटनाक्रम से फिल्म के प्रदर्शन में गंभीर बाधाएं आई हैं। यह स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि फिल्म की कहानी इंदिरा गांधी के कार्यकाल पर आधारित है, जिसमें 1975 के आपातकाल की घटना को दिखाया गया है।
ब्रिटेन की एक चौंकाने वाली और शर्मनाक घटना
चेहरे ढके खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने फिल्म #Emergency की स्क्रीनिंग को बाधित करने के लिए लंदन के एक सिनेमा हॉल में धावा बोल दिया।
ब्रिटिश पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई!#london #khalistani #uk #ukpolice pic.twitter.com/mYrrdbq8BF
— One India News (@oneindianewscom) January 20, 2025
मुख्य घटनाएँ और प्रतिक्रियाएँ:
- खालिस्तानी आतंकियों द्वारा विरोध:
- फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान, नकाबपोश खालिस्तानी आतंकवादियों ने दर्शकों को धमकी दी और फिल्म को जबरन बंद करवा दिया। यह घटना उत्तर-पश्चिम लंदन के हैरो व्यू सिनेमा में घटी, जहां लोग फिल्म देखने के लिए पहुंचे थे।
- इस विरोध का प्रभाव न केवल लंदन में, बल्कि अन्य शहरों जैसे वोल्वरहैम्पटन, बर्मिंघम, स्लो, स्टेन्स और मैनचेस्टर में भी पड़ा, जहां फिल्म की स्क्रीनिंग को बाधित किया गया।
- सिनेमा घरों का विरोध:
- ब्रिटेन के प्रमुख सिनेमा चेन, जैसे व्यू और सिनेवर्ल्ड, ने फिल्म के प्रदर्शन को रोकने का निर्णय लिया है, क्योंकि इन विरोध प्रदर्शनों के कारण फिल्म को सिनेमाघरों से हटाना पड़ा।
- यह विरोध फिल्म के विषय को लेकर था, जो खालिस्तानी समर्थक तत्वों को आपत्ति दे सकता है।
- ब्रिटिश सांसद की चिंता:
- कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने इस मामले पर ब्रिटिश गृह मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो लोग इस फिल्म को देखना चाहते हैं, वे शांतिपूर्ण तरीके से ऐसा कर सकें।
- उन्होंने कहा कि यह घटनाएँ न केवल एक फिल्म के प्रदर्शन को बाधित कर रही हैं, बल्कि ब्रिटेन में भारतीय समुदाय और संस्कृति के बारे में गलत धारणाएं भी फैला सकती हैं।
- फिल्म का विषय:
- कंगना रनौत की फिल्म “इमरजेंसी” में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद की घटनाओं को दर्शाया गया है, विशेष रूप से 1975 के आपातकाल की कहानी। यह घटनाएँ भारत के इतिहास का एक विवादास्पद और संवेदनशील हिस्सा हैं, और इसलिए फिल्म को लेकर विभिन्न समुदायों में विवाद हो सकता है।
- समाज में शांति बनाए रखने की आवश्यकता:
- सांसद ब्लैकमैन ने इस बात पर जोर दिया कि प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए, लेकिन फिल्म की स्क्रीनिंग को बाधित करने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो लोग सेंसर बोर्ड द्वारा अनुमोदित फिल्में देखना चाहते हैं, वे बिना किसी डर और हिंसा के ऐसा कर सकें।
More footage of the Khalistanis disrupting the movie 'Emergency' which was playing to a packed house at Vue cinema in Harrow on Sunday night https://t.co/cjkyNj6q6T pic.twitter.com/ONHzQwyiiq
— Naomi Canton (@naomi2009) January 21, 2025
ब्रिटेन में “इमरजेंसी” फिल्म के प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानी तत्वों द्वारा किया गया विरोध और धमकियाँ, एक बड़े सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे को जन्म देती हैं। यह घटना न केवल फिल्म इंडस्ट्री के लिए, बल्कि ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के लिए भी चिंता का विषय बन चुकी है। इसके परिणामस्वरूप, ब्रिटिश सांसद और सरकार से यह उम्मीद की जा रही है कि वे शांति और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान करते हुए इस विवाद को सुलझाने के प्रयास करेंगे।