प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 ने श्रद्धा और आस्था का अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया है। देश-विदेश से श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी भीड़ यहाँ जुट रही है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन तीसरे अमृत स्नान के लिए भारी संख्या में लोग प्रयागराज पहुंचे हैं।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब:
- 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अब तक 17 दिनों में महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं।
- मकर संक्रांति के दिन 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया था।
- मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।
- 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पूरे आयोजन के दौरान आने की संभावना जताई गई है।
महाकुंभ 2025 की प्रमुख तिथियाँ:
- महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी, 2025 से हुई थी।
- अगला प्रमुख स्नान बसंत पंचमी (फरवरी) को होगा।
- आयोजन का समापन 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) के अंतिम अमृत स्नान के साथ होगा।
सुरक्षा और सुविधाएँ:
- प्रयागराज में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। हर चौराहे और स्नान घाटों पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
- श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई स्थानों को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है।
- रेलवे और बसों में भारी भीड़ है, और विशेष ट्रेनों व बसों की व्यवस्था की गई है।
अयोध्या और काशी की ओर आकर्षण:
महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं का एक बड़ा समूह अयोध्या और काशी की ओर भी रुख कर रहा है। पिछले 30 घंटों में अयोध्या में 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम के दर्शन किए हैं।
महाकुंभ का उत्साह:
महाकुंभ 2025 का आयोजन भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है। लाखों श्रद्धालुओं के साथ यह आयोजन विश्व भर में भारत के अध्यात्म और धर्म की गहराई को उजागर कर रहा है। सुरक्षा, सुविधा, और प्रबंधन की दृष्टि से यह आयोजन एक ऐतिहासिक सफलता की ओर बढ़ रहा है।