जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को लेकर सेना का संचालन बढ़ा दिया गया है, खासकर जम्मू इलाके में। कश्मीर क्षेत्र में आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के बाद अब जम्मू क्षेत्र में आतंकियों के खिलाफ संयुक्त ऑपरेशन्स की तैनाती की गई है। पाकिस्तान से घुसपैठ कर रहे आतंकियों की गतिविधियों को देखते हुए सेना ने जनवरी 2025 में ऑपरेशन्स को तेज कर दिया है।
ऑपरेशन्स की रणनीति:
सेना ने पिछले 15 दिनों में 2 दर्जन से अधिक बड़े ऑपरेशन लॉन्च किए हैं। ये ऑपरेशन्स सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस, और केंद्रीय सुरक्षाबलों के साथ मिलकर चलाए जा रहे हैं। ऑपरेशन्स का मुख्य उद्देश्य आतंकियों को उनके ठिकानों से निकाल कर खत्म करना है।
मुख्य फोकस क्षेत्र:
- किश्तवाड़, डोडा और रामबन जैसे क्षेत्रों पर सबसे अधिक फोकस किया गया है।
- पुंछ, राजौरी, और कठुआ जैसे सीमा पर स्थित क्षेत्रों में भी बड़े ऑपरेशन चल रहे हैं। यहां 10 से अधिक ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।
- उधमपुर, जम्मू और रियासी जैसे इलाकों में भी सर्च ऑपरेशन्स की गई हैं।
ये सभी इलाके पीर पंजाल पहाड़ी क्षेत्र में आते हैं, जहां आतंकियों के घुसपैठ की आशंका अधिक है।
ऑपरेशन की रणनीति:
सेना ने “खोजो और मारो” रणनीति अपनाई है। इसमें खोजी कुत्ते, ड्रोन, और पैरा कमांडो की मदद ली जा रही है। इसके अलावा स्थानीय इंटेलिजेंस का भी महत्वपूर्ण योगदान है। माना जा रहा है कि इन क्षेत्रों में लगभग 40-50 आतंकवादी सक्रिय हैं, जिन्हें सेना खत्म करने की कोशिश कर रही है।
पिछले हमले और सुरक्षा स्थिति:
इस क्षेत्र में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा कई हमले किए गए हैं, जिसमें सेना और वायुसेना की यूनिट्स को निशाना बनाया गया। पिछले कुछ वर्षों में, विशेष रूप से 2021 के बाद, आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है। 44 आम लोग और 18 सुरक्षाबल के जवानों की मौत हो चुकी है। इन हमलों में 13 आतंकवादी भी मारे गए हैं।
सेना की सफलता और भविष्य की योजना:
कश्मीर क्षेत्र में सेना ने काफी सफलता प्राप्त की है, और 2024 में यह सुरक्षाबलों के लिए सबसे कम नुकसान वाला साल साबित हुआ। 2024 में कश्मीर में 26 सुरक्षाबल जवान मारे गए, जबकि कुछ वर्षों पहले यह आंकड़ा 100 से ऊपर था। जम्मू में सेना के ऑपरेशन्स बढ़ाए जाएंगे ताकि आतंकवादियों के प्रभाव को पूरी तरह से खत्म किया जा सके और इलाके में स्थिरता लाई जा सके।