राजधानी दिल्ली के विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का भव्य आयोजन हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के अन्य गणमान्य लोग इस ऐतिहासिक समारोह में शामिल हुए। गणतंत्र दिवस समारोह का यह समापन कार्यक्रम अपनी परंपरागत सैन्य धुनों, शानदार परेड और रोशनी से सजे ऐतिहासिक भवनों के लिए जाना जाता है।
#WATCH | Delhi | Beating Retreat ceremony underway at Vijay Chowk.
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— ANI (@ANI) January 29, 2025
सेनाओं के बैंड और पारंपरिक धुनें
इस वर्ष की बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के बैंड ने शानदार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में 30 भारतीय धुनें बजाई गईं, जो पूरी तरह स्वदेशी थीं।
- समारोह की शुरुआत “कदम-कदम बढ़ाए जा” धुन से हुई।
- समापन “सारे जहां से अच्छा” की धुन के साथ किया गया।
- विजय चौक की ऐतिहासिक इमारतों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया।
- सेना के पाइप्स एंड ड्रम्स, बग्लर्स, और अन्य बैंड ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं।
#WATCH | Delhi | President Droupadi Murmu unfurls the national flag at the Vijay Chowk during the Beating Retreat ceremony.
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— ANI (@ANI) January 29, 2025
बीटिंग द रिट्रीट का ऐतिहासिक महत्व
- बीटिंग द रिट्रीट का अर्थ “सेना की बैरक में वापसी” है।
- यह परंपरा राजा-महाराजाओं के युग से चली आ रही है, जब सेनाएँ सूर्यास्त के बाद युद्ध बंद कर देती थीं और एक विशेष संगीत बजाया जाता था।
- गणतंत्र दिवस के चौथे दिन इस परंपरा को जीवंत किया जाता है। सूर्यास्त के बाद राष्ट्रगान बजता है और राष्ट्रीय ध्वज को उतारा जाता है।
#WATCH | Delhi | Beating Retreat ceremony underway at Vijay Chowk.
President Droupadi Murmu, Vice President Jagdeep Dhankhar, Prime Minister Narendra Modi and other leaders are present here to witness the Beating Retreat ceremony
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— ANI (@ANI) January 29, 2025
मुख्य बैंड संचालक और उनकी जिम्मेदारियाँ
- सेना बैंड: सूबेदार मेजर बिशन बहादुर
- नौसेना बैंड: एम. एंटनी
- वायुसेना बैंड: वारंट ऑफिसर अशोक कुमार
- CAPF बैंड: हेड कॉन्स्टेबल जी. डी. महाजन कैलाश माधव राव
- पाइप्स एंड ड्रम्स बैंड: सूबेदार मेजर अभिलाष सिंह
- बग्लर्स: नायब सूबेदार भूपाल सिंह
1952 में हुई थी भारत में बीटिंग द रिट्रीट की शुरुआत
भारत में 1952 में इस परंपरा की शुरुआत हुई थी। उस समय महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फिलिप भारत के मेहमान थे। भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट ने उस समय सेनाओं के बैंड की प्रस्तुति करवाई थी, जिसे बाद में औपचारिक रूप से अपनाया गया।
गणतंत्र दिवस समारोह का भव्य समापन
इस समारोह के साथ गणतंत्र दिवस 2025 के चार दिवसीय उत्सव का आधिकारिक समापन हो गया। भारतीय सेना की इस शानदार परंपरा को हर साल विशेष धुनों, अनुशासन, और जोश के साथ मनाया जाता है, जिससे राष्ट्र की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक गौरव को प्रदर्शित किया जाता है।