कोविड महामारी और भारत-चीन संबंधों में तनाव के कारण पिछले चार वर्षों से रुकी हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर शुरू होने की संभावना है। विदेश मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार को इस यात्रा की तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उम्मीद की जा रही है कि मई 2025 से यह यात्रा फिर से शुरू हो सकती है।
भारत-चीन वार्ता से यात्रा के फिर से शुरू होने का रास्ता साफ
- 2019 तक यह यात्रा हर साल होती थी, लेकिन कोरोना महामारी और लद्दाख में चीन के साथ विवाद के कारण इसे रोक दिया गया था।
- हाल ही में भारत और चीन के शीर्ष अधिकारियों के बीच हुई बैठक के बाद केंद्र सरकार ने इस यात्रा को फिर से शुरू करने की पहल की।
- विदेश मंत्रालय के निर्देशों के बाद उत्तराखंड सरकार और कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) तैयारियों में जुट गए हैं।
कैसे होती है कैलाश मानसरोवर यात्रा?
- कैलाश मानसरोवर चीन के तिब्बत क्षेत्र में स्थित है, जहां भगवान शिव का निवास माना जाता है।
- यात्रा उत्तराखंड के काठगोदाम से शुरू होती है और धारचूला से लिपुलेख दर्रे के रास्ते तिब्बत में प्रवेश किया जाता है।
- पहले धारचूला से लिपुपास तक यात्रा बेहद कठिन और पैदल करनी पड़ती थी, लेकिन अब इस मार्ग पर सड़क तैयार हो चुकी है, जिससे यात्रा सुगम होगी।
- श्रद्धालु इस यात्रा के दौरान ॐ पर्वत, व्यास गुफा, काली मंदिर और अन्य पवित्र स्थलों के दर्शन भी करते हैं।
उत्तराखंड सरकार की तैयारियां
- कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) इस यात्रा का आयोजन करता है और उसके अधिकारी तैयारियों में जुट गए हैं।
- यात्रियों के ठहरने के लिए पर्यटन विभाग ने हर्ट्स (विश्राम स्थल) बनाए हैं।
- इस बार यात्रा में सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को पहले से बेहतर किया जाएगा।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
- कैलाश पर्वत को हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन धर्मों में पवित्र माना जाता है।
- पौराणिक मान्यता है कि कैलाश पर्वत के ऊपर स्वर्ग और नीचे मृत्युलोक स्थित है।
- यह भगवान शिव और माता पार्वती का निवास स्थान माना जाता है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं।
आवेदन प्रक्रिया जल्द शुरू होगी
केंद्र सरकार जल्द ही कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए आवेदन मांग सकती है। यह यात्रा हर साल जून से सितंबर के बीच आयोजित की जाती है, लेकिन इस बार मई से शुरू होने की संभावना है।
निष्कर्ष: भारत-चीन वार्ता के बाद चार साल बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार की ओर से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अब श्रद्धालु एक बार फिर भगवान शिव के पावन धाम कैलाश के दर्शन कर सकेंगे।