घायलों की संख्या भी 900 के क़रीब पहुंच गई है. हादसे वाली जगह से जिस तरह की तस्वीरें आ रही हैं, वो शायद कुछ लोगों को विचलित कर सकती हैं.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दुर्घटना को देखते हुए एक दिन के राजकीय शोक का आदेश दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री इस भीषण हादसे पर दुख ज़ाहिर कर चुके हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से लेकर कई आला अफ़सर मौके पर मौजूद हैं.
ट्रेन हादसे के बाद टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने रेल मंत्री से इस्तीफ़े की मांग भी की है.
चेन्नई को जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर कर नज़दीक के ट्रैक पर जा गिरे, जहां से बेंगलुरु हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस जा रही थी. दक्षिण पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि कोरोमंडल ट्रेन के बोगी नंबर बी2 से बी9, ए1 से ए2, बी1 और इंजन हादसे का शिकार हुए हैं, वहीं ट्रेन नंबर 12864 (यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस) की एक जनरल बोगी को नुक़सान पहुंचा है. जनरल बोगी और बोगी नंबर 2 पीछे की तरफ से पटरी से उतरी हैं.
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने अख़बार को बताया कि बहनागा बाज़ार रेलवे स्टेशन से गुज़रते हुए शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए. ये डिब्बे साथ के ट्रैक से गुज़र रही हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन से जा टकराए. इसके बाद हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के भी तीन डिब्बे पटरी से उतर गए.
सूत्रों ने अख़बार को बताया कि बहनागा बाज़ार स्टेशन पर चार ट्रैक हैं. एक लूप ट्रैक पर मालगाड़ी खड़ी थी. दो मुख्य लाइनों पर आमने-सामने से दो ट्रेनों को पास करना था.
सूत्रों का कहना है कि कोरोमंडल ट्रेन के डिब्बे जब पटरी से उतरे तो उनकी टक्कर मालगाड़ी से भी हुई.
ख़बर में स्थानीय स्टेशन अधिकारियों के हवाले से हादसे का दूसरा विवरण भी बताया गया है, जिसमें कोरोमंडल ट्रेन की जगह बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन के पहले पटरी से उतरने की बात कही गई है.
शाम करीब सात बजे बहनागा बाज़ार रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन नंबर 12864 (यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस) के दो डिब्बे पटरी से उतर गए और साथ के ट्रैक पर सामने से आ रही तेज़ रफ्तार ट्रेन नंबर 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) से जा टकराए, जिसके चलते कोरोमंडल ट्रेन के 17 डिब्बे पटरी से उतरे. ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी पीके जेना के हवाले से बताया कि कोरोमंडल ट्रेन के डिब्बे जब पटरी से उतरे तो वे मालगाड़ी से जा टकराए.
कोरोमंडल एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल को तमिलनाडु से जोड़ती है. ट्रेन ने हादसे से कुछ समय पहले ही शालीमार स्टेशन को पार किया था. अख़बार के मुताबिक कोरोमंडल ट्रेन में ज्यादातर वे लोग होते हैं जो काम के सिलसिले में या बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तमिलनाडु जाते हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक शाम 6 बजकर 55 मिनट पर कोरोमंडल एक्सप्रेस के 15 डिब्बे पटरी से उतरे और साथ के ट्रैक पर जा गिरे. सात बजे हावड़ा एक्सप्रेस की टक्कर इन पटरी से उतरे हुए डिब्बों के साथ हुई और ऐसे में हावड़ा एक्सप्रेस के भी दो डिब्बे पटरी से उतर गए.
चश्मदीदों ने बताया
कोरोमंडल एक्सप्रेस के एक यात्री ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, “हम शालीमार से चेन्नई जा रहे थे. हम एस5 बोगी में थे और जिस समय हादसा हुआ उस उस समय मैं सोया हुआ था.”
“हमने देखा कि किसी का सिर नहीं था, किसी का पैर नहीं था तो किसी का हाथ नहीं था. सब ऐसे ही पड़े थे. हादसे के समय दिमाग भी काम नहीं कर रहा था. हमारी सीट के नीचे एक दो साल का बच्चा था. हमने उसे निकालकर परिवार को दिया. उसे कुछ नहीं हुआ था. ”
कोरोमंडल एक्सप्रेस में ही सवार दूसरे यात्री ने बताया, “हम लोग चेन्नई जा रहे थे. शाम सात बजे से दस मिनट पहले यह हादसा हुआ. हम लोग एस5 बोगी में यात्रा कर रहे थे. एस5 बोगी के लोगों को बहुत समस्या नहीं हुई. थोड़ी-थोड़ी चोट आई है.”