राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भाषण संसद के बजट सत्र के पहले दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण था, जिसमें उन्होंने देश के विकास की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा की। उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने, शहरी यातायात में सुधार, और पुराने कानूनों की समीक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। साथ ही, बजट सत्र के दौरान होने वाली चर्चा के बारे में भी जानकारी दी।
राष्ट्रपति के भाषण के प्रमुख बिंदु:
- महिला सशक्तिकरण:
- राष्ट्रपति ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उल्लेख किया, जो महिलाओं के नेतृत्व में देश को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- उन्होंने बताया कि सरकार ने संविधान के लागू होने से पहले बने कानूनों की समीक्षा की है और कई कानूनों को संशोधित या निरस्त किया जा रहा है, ताकि वर्तमान सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना किया जा सके।
- मेट्रो नेटवर्क का विस्तार:
- राष्ट्रपति ने बताया कि देश का मेट्रो नेटवर्क अब 1,000 किलोमीटर को पार कर चुका है, जो इसे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनाता है।
- शहरी यातायात में सुधार के लिए सरकार ने नमो भारत रैपिड रेल सेवाएं शुरू की हैं, जो विकसित भारत के शहरों की पहचान बन रही हैं।
- कुंभ और वक्फ अधिनियम पर चर्चा:
- राष्ट्रपति ने कुंभ के मुद्दे और वक्फ अधिनियम में संशोधन की बात की, जिन पर सरकार ने तेज गति से कदम उठाए हैं।
- समाजवादी पार्टी ने इन मुद्दों पर चर्चा के लिए नियम 193 के तहत नोटिस दिया है, और सभी विरोधी दलों ने इसका समर्थन किया है। लोकसभा कार्यमंत्रणा समिति में चर्चा की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है।
- बजट पर चर्चा:
- बजट सत्र में लोकसभा और राज्यसभा दोनों में 3 और 4 फरवरी को राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
- 6, 7, 10, और 11 फरवरी को बजट पर चर्चा होगी, और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 फरवरी को इसका जवाब देंगी।
राजनीतिक स्थिति:
- विरोधी दलों का रुख: समाजवादी पार्टी के कुंभ मुद्दे पर प्रस्ताव और इसके समर्थन में सभी विपक्षी दलों का एकजुट होना सरकार के लिए एक चुनौती हो सकता है।
- बजट सत्र की अहमियत: बजट सत्र में महिला आरक्षण, मेट्रो नेटवर्क, और वक्फ अधिनियम जैसे मुद्दों के अलावा, वित्तीय बजट पर चर्चा विशेष रूप से अहम होगी, क्योंकि यह आगामी आर्थिक दिशा को निर्धारित करेगा।
राष्ट्रपति का भाषण सरकार के महिला सशक्तिकरण, शहरी यातायात सुधार, और सामाजिक कानूनों में बदलाव के प्रयासों को उजागर करता है। इसके अलावा, आगामी चर्चा और विरोधी दलों की सक्रियता से यह बजट सत्र राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण होने वाला है।