शुक्रवार की आधी रात लगभग डेढ़ बजे किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास बम होने की सूचना दी और इससे पूरे पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। आधी रात को पुलिस मौके पर पहुंची और सघन तलाशी के बाद भी कुछ नहीं मिला। इसके बावजूद पूरे पंजाब में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 3 जून से प्रदेश में फिर से बारिश का दौर शुरू होगा। इससे भोपाल, उज्जैन समेत ग्वालियर-चंबल के जिले भीगेंगे। प्रदेश में तेज आंधी और ओलावृष्टि की भी आशंका है।
जानकारी के मुताबिक पुलिस कंट्रोल रूम पर रात डेढ़ बजे एक मोबाइल नंबर से किसी ने सूचना दी कि सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के आसपास चार बम छिपाकर रखे गए हैं। पुलिस में अगर हिम्मत है तो वह धमाकों को रोक ले। इसके बाद फोन काट दिया गया। कंट्रोल रूम की टीम ने मोबाइल पर कई बार फोन किया, लेकिन उसने उठाया नहीं। इसके तुरंत बाद कंट्रोल रूम इंचार्ज ने पुलिस कमिश्नर नौनिहाल सिंह को यह जानकारी दी। कुछ ही देर में पुलिस लाइन से दस बम निरोधक दस्ते श्री हरमंदिर साहिब पहुंच गए। इसके साथ ही पूरे पंजाब में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया।
पुलिस को संदेह है कि यहां बम लगाने वाले पंजाब में छिपे हो सकते हैं। बम निरोधक दस्तों ने पहुंचते ही संवेदनशील इलाकों में बमों को ढूंढना शुरू कर दिया। वहीं दूसरी तरफ साइबर सेल उसकी तलाश कर रही थी, जिसने यह सूचना पुलिस कंट्रोल रूम में दी। पुलिस को सर्च के दौरान न तो कहीं बम मिला और न ही पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना देने वाला।
सुबह पांच बजे पता चला कि कॉल करने का आरोपी श्री हरमंदिर साहिब के पास स्थित बांसा वाला बाजार का रहने वाला है और उसने चोरी के मोबाइल से पुलिस कंट्रोल रूम में यह जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने सुबह पांच बजे आरोपी के घर से उसे काबू कर लिया। कॉल करने वाला 20 साल का निहंग है। आसपास के चार बच्चे भी उसके साथ शामिल हैं। पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया।
इसके साथ ही पुलिस ने पकड़े बच्चों के परिजनों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी है जिसके चलते पुलिस ने राज्य के कई हिस्सों में फ्लैग मार्च निकाले हैं। ज्ञात रहे कि 6 जून, 1984 को भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर में छिपे बैठे आतंकी जरनैल सिंह भिंडरांवाला व उसके गुर्गों को बाहर निकालने का सफल अभियान छेड़ा था और अभियान के दौरान स्वर्ण मंदिर के सामने खड़े श्री अकाल तख्त साहिब की ईमारत को काफी क्षति पहुंची थी। इसी के विरोध में हर साल बरसी मनाई जाती है और इसकी आड़ में कट्टरपंथी व अलगाववादी शक्तियां पंजाब का महौल खराब करने में जुट जाती हैं।