दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित वर्ल्ड बुक फेयर में इस बार मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग की विभिन्न पुस्तकों को भी शामिल किया गया है। शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस पुस्तक मेले का उद्घाटन किया, जो 9 फरवरी तक चलेगा।
इस बार पुस्तक मेला भारतीय गणतंत्र की 75 वर्षों की उपलब्धियों पर आधारित है, जिसमें संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित पुस्तकें प्रदर्शित की जा रही हैं। इस मेले में मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग की 300 से अधिक पुस्तकें शामिल हैं, जो भारत मंडपम के हॉल क्रमांक 2, स्टॉल क्रमांक आर-51 पर रखी गई हैं। ये पुस्तकें स्वतंत्रता संग्राम में राज्य के योगदान, सांस्कृतिक विरासत, इतिहास, कला-संस्कृति और पुरातत्व जैसे विषयों पर प्रकाश डालती हैं।
पुस्तक मेले में मध्यप्रदेश की पुस्तकें
इस मौके पर पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग के प्रमुख सचिव एवं मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि इस पुस्तक मेले में मध्य प्रदेश की सहभागिता से प्रदेश की समृद्ध विरासत, ऐतिहासिक धरोहरों और पर्यटन स्थलों को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि पुस्तकों के माध्यम से पाठकों को प्रदेश के पर्यटक केंद्र, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक धरोहरों की गहरी जानकारी मिलेगी, जिससे भविष्य में मध्य प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है।
प्रदेश के पर्यटन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी पहचान
विश्व पुस्तक मेला में मध्य प्रदेश की स्टॉल पर विभिन्न विभागों की कई अनूठी और दुर्लभ पुस्तकें उपलब्ध हैं, जिन्हें पाठक और शोधार्थी काफी पसंद कर रहे हैं। बता दें इस विश्व पुस्तक मेला से प्रदेश के पर्यटन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। साथ ही, इन पुस्तकों के माध्यम से पर्यटक मध्य प्रदेश के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के बारे में और जानेंगे, जिससे पर्यटन क्षेत्र को भी फायदा होगा। ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों से जुड़ी पुस्तकों के अलावा, राज्य के प्रसिद्ध साहित्यकारों की रचनाएं भी विश्व पुस्तक मेला की मध्य प्रदेश की स्टॉल पर उपलब्ध है। यहाँ खासतौर पर वन्यजीव अभ्यारण्य, उज्जैन, बुंदेलखंड, सतपुड़ा, भोपाल, इंदौर, दमोह जैसे पर्यटक गंतव्यों से जुडी पुस्तकें एवं मध्यप्रदेश पर्यटक मैप भी उपलब्ध है।