केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों को राहत देने के लिए एक समान टोल नीति पर काम कर रही है। इस नीति का उद्देश्य टोल संग्रह की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाना है।
एक समान टोल नीति के संभावित लाभ:
✅ यात्रियों की टोल संबंधी समस्याओं का समाधान होगा।
✅ राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल संग्रह को सरल और समान किया जाएगा।
✅ अत्यधिक टोल दरों के कारण होने वाले असंतोष को कम किया जाएगा।
✅ टोल प्लाजा पर लगने वाले समय को कम करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
सोशल मीडिया पर यात्रियों की शिकायतों पर गंभीर रुख:
गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सोशल मीडिया पर यात्रियों की शिकायतों को गंभीरता से ले रहा है। यदि किसी ठेकेदार या टोल प्लाजा द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जाता है, तो सरकार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है।
टोल संग्रह के आंकड़े:
📌 2023-24 में कुल टोल संग्रह – ₹64,809.86 करोड़ (पिछले वर्ष से 35% अधिक)
📌 2019-20 में कुल टोल संग्रह – ₹27,503 करोड़
📌 राष्ट्रीय राजमार्गों पर 60% यातायात निजी कारों का है, लेकिन इनसे टोल राजस्व मात्र 20-26% ही आता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में ऐतिहासिक उपलब्धि:
🚧 चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 7,000 किमी से अधिक राजमार्गों का निर्माण हो चुका है।
🚧 गडकरी ने विश्वास जताया कि 2020-21 के 37 किमी/दिन के रिकॉर्ड को पार कर लिया जाएगा।