सामाजिक और आध्यात्मिक एकता के प्रतीक श्री नारायण गुरु द्वारा रचित “श्री नारायण स्मृति” का शताब्दी संस्करण 5 फरवरी को प्रकाशित किया जाएगा। इस ऐतिहासिक आयोजन का शुभारंभ अयिरूर-चेरुकोलपुझा हिंदू मठ परिषद के तत्वावधान में हिंदू एकता सम्मेलन के दौरान होगा।
प्रमुख बिंदु:
विमोचनकर्ता: परम पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत जी
स्थान: अयिरूर-चेरुकोलपुझा हिंदू मठ परिषद
उपस्थिति: हजारों श्रद्धालु एवं विद्वान
ग्रंथ की विशेषताएँ:
“वेदज्योति व्याख्यानम्” – संस्कृत विद्वान डॉ. जी. आनंदराज द्वारा रचित उत्कृष्ट भाष्य
प्रस्तावना – शिवगिरि मठ प्रमुख स्वामी सचिदानंद जी द्वारा लिखित
प्रकाशन: मूल रूप से शिवगिरि मठ द्वारा प्रकाशित
भावना: “एक जाति, एक धर्म, एक ईश्वर” के शाश्वत संदेश को प्रसारित करता है
महत्व और प्रासंगिकता:
🔹 सामाजिक समस्याओं जैसे बेरोजगारी और अंधविश्वास पर समाधान प्रस्तुत करता है
🔹 धार्मिक शिक्षा के महत्व को रेखांकित करता है
🔹 सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए मार्गदर्शक ग्रंथ
यह शताब्दी संस्करण पिछले नौ वर्षों से आयोजित श्री नारायण धर्मोत्सवम के क्रम में प्रकाशित किया गया है। यह ग्रंथ श्री नारायण गुरु के उपदेशों का सार है, जो आधुनिक समाज के लिए आज भी उतना ही प्रासंगिक है।