उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के खटीमा तहसील क्षेत्र में भारत-नेपाल सीमा पर स्थित नो मैन्स लैंड में अवैध अतिक्रमण को लेकर विवाद खड़ा हो गया। भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की, लेकिन नेपाली नागरिकों ने इसका विरोध किया।
भारतीय प्रशासन की कार्रवाई और नेपाली नागरिकों का विरोध
- खटीमा के मेलाघाट क्षेत्र में भारतीय वन विभाग और राजस्व विभाग की टीम ने नो मैन्स लैंड पर हुए अतिक्रमण को हटाने का अभियान चलाया।
- इस दौरान नेपाली नागरिकों से नोकझोंक हो गई।
- नेपाली नागरिकों ने सीमा पिलर के चिन्हों को मिटाने की भी कोशिश की, जिससे विवाद और बढ़ गया।
- एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट, एसएसबी 57 बटालियन के कमांडेंट मनोहर लाल और वन विभाग की एसडीओ संचिता वर्मा की अगुवाई में अतिक्रमण हटाने का काम हुआ।
नेपाल प्रशासन की निष्क्रियता और बढ़ता अतिक्रमण
- भारतीय प्रशासन ने अपने क्षेत्र में बसे अवैध कब्जेदारों को हटा दिया, लेकिन नेपाल की ओर से नो मैन्स लैंड पर किए गए अतिक्रमण पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
- सीमा पिलरों से छेड़छाड़ कर नेपाली नागरिकों द्वारा भारतीय भूमि पर अतिक्रमण करने की खबरें भी सामने आई हैं।
- नेपाल प्रशासन इस अतिक्रमण पर मौन बना हुआ है, जिससे सीमा पर विवाद की स्थिति बनी हुई है।
सीमा पर आपराधिक गतिविधियों का बढ़ता खतरा
- मेलाघाट, बनबसा और अन्य इलाकों में कई स्थानों पर एक खेत की मेढ़ भारत में, तो दूसरी नेपाल में पड़ती है, जिससे अतिक्रमण की समस्या बढ़ रही है।
- नेपाल सीमा पर कई दुकानों के प्रवेश द्वार दोनों देशों की ओर खुलते हैं, जिससे तस्करी और अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है।
- मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य अपराधों में वृद्धि हो रही है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है।
दोनों देशों के प्रशासन के बीच वार्ता और भविष्य की कार्रवाई
- भारत के अधिकारियों ने नेपाल प्रशासन से बातचीत कर नेपाली नागरिकों के अतिक्रमण को हटाने की मांग की।
- सीमा से अवैध कब्जा हटाने को लेकर दोनों देशों के अधिकारियों ने वार्ता के जरिए समाधान निकालने पर सहमति जताई।
- जहां विवाद होगा, वहां दोनों देशों के प्रशासन की आपसी बातचीत से मामले को हल किया जाएगा।
भारत-नेपाल सीमा पर नो मैन्स लैंड के अतिक्रमण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।
भारत ने अपने हिस्से में कार्रवाई की है, लेकिन नेपाल की निष्क्रियता के कारण तनाव बना हुआ है।
भविष्य में सीमा विवाद और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए भारत को अधिक कड़े कदम उठाने की जरूरत होगी।