मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम जल संसाधनों के कुशल प्रबंधन और नदी जोड़ो परियोजना को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार महाराष्ट्र सहित अन्य पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर नदी परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करने की दिशा में कार्य कर रही है।
मुख्य बिंदु:
- मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र जल सहयोग:
- मुख्यमंत्री मोहन यादव और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच ताप्ती और कन्हान नदी परियोजनाओं पर चर्चा हुई।
- ताप्ती परियोजना से मध्य प्रदेश में 1,23,000 हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 34,000 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।
- यह दोनों राज्यों के किसानों, उद्योगों और पीने के पानी की जरूरतों को पूरा करेगा।
- जल संसाधनों का बेहतर उपयोग:
- राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि नदी के हर बूंद जल का उपयोग राष्ट्रहित और किसानों के कल्याण के लिए हो।
- इस परियोजना से गांव, शहर, सिंचाई, पीने के पानी और औद्योगिक क्षेत्र को लाभ मिलेगा।
- अन्य राज्यों के साथ सहयोग:
- मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राजस्थान और उत्तर प्रदेश के साथ पहले से चल रही नदी जोड़ो परियोजनाओं का भी जिक्र किया।
- यह योजनाएं विभिन्न राज्यों के बीच जल प्रबंधन के एकीकृत मॉडल को स्थापित कर रही हैं।
इस परियोजना का महत्व:
सिंचाई क्षमता बढ़ेगी – किसानों को निर्बाध जल आपूर्ति मिलेगी।
पीने के पानी की समस्या का समाधान – नगरीय और ग्रामीण इलाकों को पर्याप्त जल मिलेगा।
औद्योगिक विकास – जल उपलब्धता से उद्योगों को भी फायदा होगा।
राज्यों के बीच समन्वय और सहयोग – जल विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में नदी जोड़ो परियोजना को आगे बढ़ाया जा रहा है। मध्य प्रदेश का यह प्रयास जल संसाधनों के कुशल उपयोग और कृषि विकास की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा। इससे न केवल मध्य प्रदेश बल्कि महाराष्ट्र के भी हजारों किसानों और उद्योगों को लाभ मिलेगा।