आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में कथित मिलावट के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में भोले बाबा डेयरी के पूर्व निदेशक विपिन जैन और पोमिल जैन, वैष्णवी डेयरी के अपूर्व चावड़ा, और एआर डेयरी के राजू राजशेखरन शामिल हैं।
एसआईटी की जांच में पता चला कि वैष्णवी डेयरी ने एआर डेयरी के नाम से तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी की आपूर्ति के लिए निविदा प्राप्त की थी, जिसमें निविदा प्रक्रिया में हेराफेरी और फर्जी रिकॉर्ड बनाने के आरोप शामिल हैं। इसके अलावा, वैष्णवी डेयरी ने दावा किया था कि वह भोले बाबा डेयरी से घी प्राप्त करती है, जबकि जांच में पाया गया कि भोले बाबा डेयरी के पास टीटीडी की मांग को पूरा करने की पर्याप्त क्षमता नहीं थी।
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की निगरानी में पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था, जिसमें सीबीआई के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी, और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का एक अधिकारी शामिल हैं।
यह मामला तब सामने आया जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सितंबर में आरोप लगाया था कि राज्य में वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू तैयार करने में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया था, जिससे बड़ा राजनीतिक विवाद उत्पन्न हुआ था।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों पर मंदिर को आपूर्ति किए जाने वाले घी में मिलावट करने और निविदा प्रक्रिया में हेराफेरी करने के आरोप हैं। एसआईटी की जांच जारी है, और आगे की जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट की टीम कर रही है जांच
वैष्णवी डेयरी ने रिकॉर्ड में हेरफेर किया और भोले बाबा डेयरी से घी सप्लाई करने का दावा किया, जबकि भोले बाबा डेयरी इतनी बड़ी मात्रा में घी आपूर्ति करने में सक्षम नहीं थी. इसके अलावा सप्लाई में गड़बड़ियां पाई गईं और झूठे दस्तावेजों के सहारे मिलावटी घी भेजा गया. इस पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित विशेष टीम कर रही है, जिसमें CBI, आंध्र प्रदेश सरकार और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अधिकारी शामिल हैं.
SC के आदेश के बाद CBI ने शुरू की जांच
सीबीआई ने पिछले साल इस मामले की जांच शुरू की थी. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को लड्डू बनाने के लिए रोजाना 15,000 किलो गाय के घी की जरूरत होती है. तमिलनाडु की एआर फूड्स ने 320 रुपये प्रति किलो की दर से घी सप्लाई करने का टेंडर हासिल किया. 8 जुलाई को घी के आठ टैंकर आए और चार को जांच के लिए भेजा गया. 17 जुलाई को लैब रिपोर्ट में घी में अशुद्ध तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि हुई. आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पिछले साल सितंबर में दावा किया था कि राज्य में पिछले वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाले शासन के दौरान तिरुपति के लड्डू तैयार करने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था, जिससे एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था.
कैसे उठा था विवाद?
सितंबर 2023 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि पिछली वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी सरकार के कार्यकाल में तिरुपति लड्डू में मिलावटी घी के साथ पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया था.
वहीं नायडू के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने उन पर राजनीतिक लाभ के लिए ‘घृणित आरोप’ लगाने का आरोप लगाया. उधर तेलुगु देशम पार्टी टीडीपी ने अपनी ओर से एक लैब रिपोर्ट जारी कर अपने दावे को सही ठहराने की कोशिश की.
जांच टीम ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा घी की खरीद प्रक्रिया और उसकी गुणवत्ता जांच के रिकॉर्ड की बारीकी से जांच की. एसआईटी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में घी की आपूर्ति में क्या अनियमितताएं हुई थीं. अब इस मामले में सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद इस घोटाले के और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.