कासगंज, उत्तर प्रदेश के सराय जुन्नारदार गाँव में होलिका दहन के स्थान को लेकर उपजा विवाद प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद सुलझा लिया गया है। हिंदू समुदाय ने अपने परंपरागत स्थान पर होलिका दहन की अनुमति न मिलने पर विरोध जताया था और ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर भी लगाए थे। हालाँकि, पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद समाधान निकाल लिया गया है।
मामले का संक्षिप्त विवरण:
- पारंपरिक स्थल पर होलिका दहन का विवाद: हिंदू पक्ष चाहता था कि दशकों से चली आ रही परंपरा के अनुसार गाँव के भीतर मस्जिद के पास ही होलिका दहन हो, जबकि मुस्लिम समुदाय इसका विरोध कर रहा था।
- मस्जिद निर्माण के बाद बदली जगह: सपा सरकार के दौरान मस्जिद के निर्माण के बाद होलिका दहन के स्थान को गाँव के बाहर कर दिया गया था, लेकिन अब वहाँ भी आँगनवाड़ी बन गई है, जिससे फिर विवाद खड़ा हो गया।
- हिंदू पक्ष का विरोध: बार-बार स्थान बदलने से परेशान होकर हिंदू समुदाय ने चेतावनी दी थी कि अगर परंपरागत स्थल पर होलिका दहन नहीं हुआ, तो वे होली का त्योहार नहीं मनाएँगे और गाँव छोड़ देंगे।
- प्रशासन का हस्तक्षेप: CO आँचल चौहान ने दोनों पक्षों के साथ बैठक की, जिसके बाद हिंदू समुदाय ग्राम पंचायत की जमीन पर होलिका दहन के लिए सहमत हो गया।
- वर्तमान स्थिति: गाँव में शांति बनी हुई है, प्रदर्शन समाप्त हो गए हैं और ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर हटा दिए गए हैं।
प्रशासन की भूमिका और निष्कर्ष
यह मामला धार्मिक परंपराओं, सामुदायिक समरसता और प्रशासनिक संतुलन का एक जटिल उदाहरण है। प्रशासन ने विवादित स्थल से हटकर ग्राम पंचायत की जमीन पर होलिका दहन की व्यवस्था कराते हुए शांति बनाए रखने में सफलता पाई है। हालाँकि, यह विवाद भविष्य में धार्मिक आयोजनों से जुड़े स्थानों और अधिकारों को लेकर बड़ी बहस का कारण बन सकता है।