गृह मंत्री अमित शाह की इस उच्च स्तरीय बैठक में लिए गए निर्णय दर्शाते हैं कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खात्मे को लेकर आक्रामक नीति अपना रही है। Zero Terror Plan और जीरो घुसपैठ सुनिश्चित करने जैसे निर्देश यह संकेत देते हैं कि आने वाले दिनों में आतंक-विरोधी अभियानों में और तेजी लाई जाएगी।
बैठक के मुख्य बिंदु:
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आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर:
- आतंक-वित्तपोषण पर सख्त निगरानी।
- नार्को-आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम।
- आतंकवाद के पूरे इकोसिस्टम को ध्वस्त करने की रणनीति।
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सीमा सुरक्षा:
- बीएसएफ को बॉर्डर ग्रिड को और मजबूत करने का निर्देश।
- अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग से घुसपैठ को पूरी तरह रोकने की योजना।
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सुरक्षा एजेंसियों में समन्वय:
- सभी सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर काम करने के निर्देश।
- आतंक विरोधी अभियानों को और प्रभावी बनाने पर जोर।
- सुरक्षा संसाधनों की कोई कमी न होने देने का आश्वासन।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार लगातार नए कदम उठा रही है। आतंक-वित्तपोषण, ड्रग्स-आधारित आतंकवाद और घुसपैठ को जड़ से खत्म करने पर फोकस इस नीति का मुख्य पहलू है। आने वाले दिनों में इस पर और कड़े कदम उठाए जाने की संभावना है।