वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में लोकसभा में नया आयकर विधेयक 2025 पेश किया है, जिसका उद्देश्य भारत की कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और करदाताओं के लिए अधिक अनुकूल बनाना है। यह विधेयक पुराने आयकर कानून की जटिलताओं को कम करने और कर अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तुत करता है।
Union Finance Minister Nirmala Sitharaman introduces Income Tax Bill in Lok Sabha
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— ANI (@ANI) February 13, 2025
मुख्य विशेषताएँ:
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सरलीकृत भाषा और संरचना: नए विधेयक में कानूनी शब्दों की संख्या को कम किया गया है, जिससे इसे पढ़ना और समझना आसान हो गया है। पुराने कानून के 800 से अधिक पृष्ठों को घटाकर 622 पृष्ठों में समाहित किया गया है, जिसमें अप्रचलित धाराओं को हटाया गया है।
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नए कर स्लैब और दरें: नए कर प्रणाली के तहत, 12 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को कर से पूरी तरह छूट दी गई है, जबकि 2.4 मिलियन रुपये से अधिक की आय पर 30% की उच्चतम कर दर लागू होगी। करदाताओं के पास पुरानी कर प्रणाली का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा, जिसमें विभिन्न छूटें और कटौतियाँ शामिल हैं।
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क्रिप्टोकरेंसी का वर्गीकरण: क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति की श्रेणी में रखा गया है, जिससे इसके कराधान में स्पष्टता आएगी।
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डिजिटल परिवर्तन: कर प्रशासन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिटिक्स के उपयोग पर जोर दिया गया है, जिससे कर संग्रह की दक्षता में सुधार और धोखाधड़ी की गतिविधियों में कमी आने की उम्मीद है।
क्या कुछ नया होगा
- नए टैक्स नियमों बिल के पारित होने के बाद कई नए शब्दों का चलन बढ़ जाएगा. जैसे पहले फाइनेंशियल ईयर, प्रीवियस ईयर, असेसमेंट ईयर और ऐसे ही कई शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था. वहीं अब इनकी जगह टैक्स ईयर के शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे टैक्सपेयर्स को समझने में आसानी होगी.
- नए बिल के तहत छूट से लकर नए नियमों को अलग-अलग सेक्शन में विस्तार से बताया गया है. नए बिल के तहत कुल 536 सेंक्शन, 16 अनुसूचियां और कुल 23 चैप्टर्स हैं.
- मौजूदा कानून में कुल 14 अनुसूचियां हैं लेकिन अब नए बिल में इसकी संख्या को बढ़ाकर 16 कर दिया गया है.
- सरकार ने नए आयकर विधेयक 2025 को अप्रैल 2026 से तक लागू करने का प्रस्ताव दिया है.यानी ये साफ है कि नया कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू हो सकता है.
- नए कानून के तहत टोटल इनकम कैलकुलेशन के लिए होम प्रॉपर्टी और कैपिटल गेन से इनकम समेत कुछ धाराओं या अनुसूचियों के तहत कोई छूट या कटौती नहीं होगी.
- नए कानून के तहत डिफेंस सर्विस जैसे आर्मी, पैरा फोर्स और अन्य कर्मचारियों को मिले ग्रेच्युटी को टैक्स से छूट दी जाएगी. मेडिकल, होम लोन, पीएफ, हायर एजुकेशन पर लोन जैसे लोन्स पर टैक्स छूट जारी रखा गया है.