उत्तराखंड के हल्द्वानी के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन समारोह आयोजित किया गया. इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और खेल मंत्री मनसुख मांडविया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अमित शाह का स्वागत किया.
अमित शाह और धामी के अलावा जिन अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने समापन समारोह में भाग लिया उनमें मांडविया, अगले मेजबान मेघालय के मुख्यमंत्री कोंगकल संगमा, उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा, दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम और ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग शामिल हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि मैं आज यह कह सकता हूं कि खेलों में भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है. हमने 2036 में ओलंपिक की मेजबानी का दावा किया है और हम इसके लिए तैयार हैं. जब ओलंपिक यहां होंगे तो हमारे खिलाड़ी पदक जीतेंगे और देश का झंडा ऊंचा करेंगे.
हल्द्वानी (उत्तराखंड) में '38वें राष्ट्रीय खेलों' के समापन समारोह से लाइव… #NationalGamesUttarakhand https://t.co/WTZ4pxZ0Jt
— Amit Shah (@AmitShah) February 14, 2025
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड को ‘खेल भूमि’ के रूप में उभरने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड 21वें स्थान से छलांग लगाकर 7वें स्थान पर पहुंच गया है, जो राज्य के खिलाड़ियों और सरकार के प्रयासों का परिणाम है।
मुख्य बातें:
उत्तराखंड: ‘खेल भूमि’ का दर्जा – अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों की सफल मेजबानी और खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने उत्तराखंड को यह पहचान दिलाई।
उत्तराखंड का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन – राज्य ने 103 पदक (24 स्वर्ण, 35 रजत, 44 कांस्य) जीतकर ओवरऑल स्टैंडिंग में 7वां स्थान प्राप्त किया।
राष्ट्रीय खेलों में शीर्ष प्रदर्शन –
- सेना खेल संवर्धन बोर्ड (SSCB): 68 स्वर्ण समेत कुल 121 पदकों के साथ शीर्ष पर।
- महाराष्ट्र: 198 पदक (54 स्वर्ण) के साथ दूसरा स्थान।
- हरियाणा: 153 पदक (48 स्वर्ण) के साथ तीसरे स्थान पर।
भविष्य की संभावनाएं:
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत 2036 तक ओलंपिक में शीर्ष 10 देशों में शामिल होने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है।
ओलंपियन पी.टी. उषा ने कहा कि यह भारतीय खेलों के नए युग की शुरुआत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खेलों के लिए मजबूत इकोसिस्टम और विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है, जिससे आने वाले वर्षों में भारत को वैश्विक खेल मंच पर और ऊंचाइयों तक ले जाने की उम्मीद है।