केरल में रैगिंग और छात्र प्रताड़ना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल ही में करियावत्तोम के एक सरकारी कॉलेज में वामपंथी छात्र संगठन SFI के 7 छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। इन सभी पर एक जूनियर छात्र के साथ मारपीट, दंगा, और बंधक बनाने के गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ित छात्र की शिकायत के आधार पर पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कैसे हुआ हमला?
- 11 फरवरी, 2025 को कॉलेज में जूनियर और सीनियर छात्रों के बीच विवाद हुआ।
- सीनियर छात्रों ने जूनियरों की पिटाई कर दी, जिसके बाद एक छात्र ने SFI गुंडों की शिकायत कर दी।
- इस शिकायत से गुस्साए SFI कार्यकर्ताओं ने शिकायतकर्ता को हॉस्टल में ढूंढने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिला।
- इसके बाद आरोपियों ने एक अन्य जूनियर छात्र को जबरन उठाया और SFI के दफ्तर में ले गए।
- वहाँ उसके साथ अमानवीय बर्ताव किया गया, उसे पीटा गया, और घंटों तक झुकने के लिए मजबूर किया गया।
- जब उसने पानी माँगा, तो बोतल में थूक कर दिया गया। पीने से मना करने पर बेल्ट और बंद से पीटा गया।
- पीड़ित छात्र ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने जांच कर आरोप सही पाए और सभी आरोपियों को निलंबित कर दिया।
रैगिंग का बढ़ता आतंक: एक हफ्ते में दूसरा बड़ा मामला
केरल में यह एक सप्ताह के भीतर दूसरा भयावह रैगिंग कांड है। इससे पहले कोट्टायम में जूनियर छात्रों को नंगा कर पीटा गया था, उनके निजी अंगों पर डम्बल रख दिए गए थे, और उन्हें जबरन शराब पिलाई गई थी।
- पीड़ितों को तीन महीने तक प्रताड़ित किया गया।
- एक छात्र की पैसे न देने पर बुरी तरह पिटाई की गई।
- इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
राजनीतिक संरक्षण और आत्महत्याओं का ट्रैक रिकॉर्ड
SFI के कार्यकर्ताओं पर पहले भी छात्र प्रताड़ना के कई आरोप लगे हैं।
- 2024 में एक छात्र सिद्धार्थन ने रैगिंग से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी।
- कई मामलों में पीड़ितों ने राजनीतिक संरक्षण के आरोप भी लगाए हैं।
क्या होगी कार्रवाई?
- पुलिस सभी आरोपियों पर कानूनी शिकंजा कस रही है।
- कॉलेज प्रशासन ने सख्त कदम उठाने की बात कही है।
- सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि SFI के कार्यकर्ताओं पर इतनी देरी से कार्रवाई क्यों होती है?
केरल में लगातार हो रही रैगिंग की घटनाओं पर सख्त कानून और कड़ी कार्रवाई की जरूरत है, ताकि निर्दोष छात्र इस तरह की प्रताड़ना से बच सकें।