मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन महिला नक्सली मारी गईं, जिससे राज्य में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अभियान की सराहना करते हुए एमपी पुलिस को बधाई दी और कहा कि राज्य में नक्सलवाद के लिए कोई स्थान नहीं है।
मुठभेड़ की प्रमुख बातें:
- बालाघाट जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच बुधवार को मुठभेड़ हुई।
- पुलिस ने तीन महिला नक्सलियों को मार गिराया और तलाशी अभियान में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया।
- मुठभेड़ में कई अन्य नक्सलियों के घायल होने की भी खबर है।
- मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि बचे हुए नक्सलियों को भी पुलिस माकूल जवाब दे रही है।
सीएम मोहन यादव: एमपी में नक्सलवाद के लिए कोई स्थान नहीं
मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश में नक्सलवाद और हिंसक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के अभियान में पूरी सक्रियता से भाग ले रही है।
- एमपी पुलिस की रणनीति से नक्सली बैकफुट पर आ चुके हैं, और राज्य में किसी भी तरह की नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है।
पुलिस बल की वीरता को सराहना
मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं।
- बालाघाट और अन्य संवेदनशील इलाकों में नक्सलियों से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
- राज्य सरकार और एमपी पुलिस पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं कि नक्सलवाद को प्रदेश से जड़ से समाप्त किया जाए।
नक्सल विरोधी अभियान में एमपी की बढ़ती सक्रियता
बालाघाट मध्य प्रदेश का सबसे अधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में पुलिस और सुरक्षा बलों की प्रभावी कार्रवाई से नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार हुआ है।
- इस तरह की सफलताओं से नक्सलियों का नेटवर्क कमजोर हो रहा है।
- राज्य सरकार और केंद्र सरकार का समन्वय नक्सलवाद के उन्मूलन में कारगर साबित हो रहा है।
मध्य प्रदेश में नक्सल विरोधी अभियान तेज गति से आगे बढ़ रहा है, और यह बालाघाट जैसी कार्रवाइयों से साफ हो जाता है कि आने वाले वर्षों में राज्य से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त हो सकता है।