यह घटना बेहद गंभीर और चिंताजनक है। एक पादरी की पत्नी के साथ गैंगरेप जैसी घटना का सामने आना समाज के लिए एक चौंकाने वाली और निंदनीय स्थिति है।
मुख्य बिंदु:
🔹 पीड़िता ईसाई समाज से संबंध रखती हैं और धार्मिक प्रचार के लिए पंजाब के विभिन्न जिलों में जाती रहती हैं।
🔹 जालंधर के पादरी फैरिस मसीह से उनकी जान-पहचान थी और वह उनसे कुछ पैसे लेने के लिए जालंधर गई थीं।
🔹 फैरिस मसीह ने आशीर्वाद देने के बहाने उनके सिर पर हाथ रखा, जिससे वह बेहोश हो गईं।
🔹 होश में आने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि उनके साथ गलत हुआ है, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
🔹 जालंधर थाना डिवीजन नंबर 6 की पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
प्रशासन और कानून-व्यवस्था पर सवाल
📌 क्या आरोपी प्रभावशाली हैं, जिसके कारण अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई?
📌 क्या पुलिस की जांच धीमी थी, जिससे मामला दर्ज करने में देरी हुई?
📌 क्या धार्मिक पदों पर बैठे लोग धर्म की आड़ में अपराध कर रहे हैं और उनका दुरुपयोग कर रहे हैं?
जरूरी कदम:
✅ पुलिस को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर न्याय दिलाना चाहिए।
✅ धार्मिक संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम बनाए जाने चाहिए।
✅ नशे या किसी अन्य तरीके से बेहोश कर यौन शोषण के मामलों में कठोर कानून लागू किए जाने चाहिए।
✅ सामाजिक संगठनों को आगे आकर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए दबाव बनाना चाहिए।
यह मामला सिर्फ एक महिला का नहीं, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और धार्मिक संस्थानों की विश्वसनीयता से जुड़ा हुआ है।