महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रयागराज में 45 दिन तक चले विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन—महाकुंभ का भव्य समापन हो गया। इस वर्ष का महाकुंभ अपनी अविश्वसनीय श्रद्धालु संख्या, अनुशासित सुरक्षा व्यवस्था, स्वच्छता के नए मानकों, और ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स के लिए दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया।
अद्वितीय आस्था का महासागर: महाकुंभ 2025 के आंकड़े
- 66.30 करोड़ श्रद्धालु – यह संख्या अमेरिका की जनसंख्या से दोगुनी और 193 देशों की कुल जनसंख्या से अधिक है।
- हर दिन सवा करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे – 45 दिन तक आस्था की लहरें उमड़ती रहीं।
- 50 लाख से अधिक विदेशी भक्त – 70 से अधिक देशों से लोग आए, सनातन संस्कृति का प्रभाव वैश्विक स्तर पर दिखा।
- मेला क्षेत्र 4,000 हेक्टेयर में फैला – दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम से 166 गुना बड़ा आयोजन।
- 4 लाख से अधिक टेंट और तंबू – 1.5 लाख शौचालय बनाए गए, स्वच्छता के लिए नई मिसाल कायम।
रिकॉर्ड वाला महाकुंभ-
- 66.30 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आए
- अमेरिका की आबादी से दोगुने लोग पहुंचे
- 193 देशों की आबादी से ज्यादा महाकुंभ में आए
- सिर्फ भारत-चीन की आबादी महाकुंभ आए श्रद्धालुओं से ज्यादा
- 120 करोड़ हिंदुओं में से 66 करोड़ से ज्यादा की डुबकी
- दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम से 166 गुना बड़ा मेला एरिया
- 4 हजार हेक्टेयर में महाकुंभ मेला जोन का स्ट्रक्चर
- 4 लाख से ज्यादा टेंट-तंबू, 1.5 लाख टॉयलेट बने
स्वच्छता का बना वर्ल्ड रिकॉर्ड
वहीं, आपको बता दें कि इस बार महाकुंभ में सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या का रिकॉर्ड नहीं बना, स्वच्छता का भी वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया है। महाकुंभ मेला क्षेत्र के 4 जोन्स में एक साथ 19 हजार सफाईकर्मियों ने सफाई करके, झाड़ू लगाकर एक नई मिसाल पेश की है। सफाईकर्मियों की इस पहल को वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करने के लिए गिनीज बुक की टीम भी मौजूद थी। 2019 के कुंभ में जहां 10 हजार सफाईकर्मियों ने एक साथ झाडू लगाकर ये रिकॉर्ड बनाया था लेकिन इस बार ये संख्या 19 हजार थी।
इन रिकॉर्ड्स के सर्टिफिकेट आज सौंपे गए-
- गंगा सफाई का रिकॉर्ड बना, 4 अलग अलग स्थानों पर 360 लोगों द्वारा सफाई करने का रिकॉर्ड
- हैंड पेंटिंग में – 10,102 लोगों का रिकॉर्ड, पहले 7660 लोगों का था।
- झाडू लगाने में- 19000 लोगों का रिकॉर्ड बना, पहले 10,000 लोगों का था।
महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था: अनुकरणीय मॉडल
🔸 70,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात – जिसमें 37,000 पुलिसकर्मी, 14,000 होमगार्ड्स और CRPF जवान शामिल थे।
🔸 श्रद्धालुओं ने पुलिस प्रशासन की सराहना की – कुंभ के दौरान सुरक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन।
🔸 30,000 से अधिक बिछड़े श्रद्धालुओं को उनके परिवार से मिलाया गया।
प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
🔹 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई।
🔹 कई राज्यों के मुख्यमंत्री, उद्योगपति, फिल्मी सितारे और खेल जगत की हस्तियां कुंभ का हिस्सा बनीं।
🔹 CM योगी आदित्यनाथ ने 45 दिनों में 10 बार महाकुंभ नगर का दौरा किया और लखनऊ व गोरखपुर से निगरानी रखी।
मौनी अमावस्या की भगदड़: एकमात्र दुखद घटना
30 श्रद्धालुओं की मृत्यु – मौनी अमावस्या पर भगदड़ में यह हादसा हुआ।
सरकार ने त्वरित राहत कार्य किए – श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।
हालांकि इस घटना के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और लोग अनवरत महाकुंभ में आते रहे।
महाकुंभ 2025 ने न केवल धार्मिक आयोजन बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत, आध्यात्मिक शक्ति, सुरक्षा व्यवस्था और स्वच्छता प्रबंधन का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।