भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट को लेकर सहयोग लगातार गहरा हो रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी की यूरोपीय आयोग की उपाध्यक्ष रोक्साना मिंजातु से हुई मुलाकात में इस साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा हुई।
मुख्य बिंदु:
- भारत-यूरोपीय संघ सहयोग:
- दोनों पक्षों ने एकेडमिक, रिसर्च और स्किल डेवलपमेंट में संभावित साझेदारी पर चर्चा की।
- भारत और यूरोपीय संघ के बीच छात्रों की आवाजाही (स्टूडेंट मोबिलिटी), फैकल्टी एक्सचेंज, और ड्यूल डिग्री प्रोग्राम को बढ़ावा देने पर सहमति बनी।
- यूरोपीय संघ के Erasmus और Horizon कार्यक्रमों के तहत भारतीय छात्रों और संस्थानों के लिए अवसरों पर भी विचार किया गया।
- नई शिक्षा नीति (NEP) और स्किल डेवलपमेंट:
- भारत की नई शिक्षा नीति (NEP) स्किल डेवलपमेंट पर खास जोर देती है।
- बैठक में शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के बीच अंतर को कम करने और इंडस्ट्री-रेडी स्किल्स विकसित करने के तरीकों पर चर्चा हुई।
- शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत कौशल विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए यूरोपीय संघ के अनुभवों से सीखने को तैयार है।
- नीतिगत संवाद और आगे का रास्ता:
- दोनों पक्षों ने शिक्षा, कौशल विकास और शोध (रिसर्च) में गहन सहयोग बढ़ाने के लिए एक नीति-निर्धारण ढांचा (policy framework) विकसित करने पर सहमति जताई।
- ज्ञान और इनोवेशन के क्षेत्र में भारत और यूरोपीय संघ के बीच मजबूत संबंध बनाने की दिशा में यह बैठक महत्वपूर्ण साबित होगी।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच एकेडमिक, स्किल डेवलपमेंट पर बातचीत
प्रधान ने आगे लिखा है, ”हमने संभावित साझेदारी के साथ-साथ भारत और यूरोपीय संघ के बीच एकेडमिक, रिसर्च और स्किल डेवलेपमेंट पर जरूरी बातचीत की।” एक अन्य ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने लिखा है, ”पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों जैसे महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी, AI, छात्रों की दो-तरफा गतिशीलता को बढ़ावा देने, फैकल्टी/टीचर के आदान-प्रदान, हमारे विश्वविद्यालयों के बीच ड्यूल डिग्री कार्यक्रम के लिए शैक्षिक और कौशल संस्थानों के बीच साझेदारी बनाने की अपार संभावनाएं हैं। रोक्साना मिंजातु ने हमें यूरोपीय संघ के इरास्मस और होराइजन कार्यक्रमों के साथ-साथ यूरोपीय संघ की प्राथमिकताओं के बारे में भी जानकारी दी।”
Together with my Ministerial colleague Shri @jayantrld pleased to meet H.E. Ms. Roxana Mînzatu, Vice President, @EU_Commission, Skills, Education, Quality Jobs and Social Rights, along with her delegation.
Appreciate her thoughts on further energising India-EU Strategic… pic.twitter.com/lt007YYxbp
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) February 28, 2025
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि यूरोपीय आयोग की उपाध्यक्ष के साथ सीखने और स्किल डेवलपमेंट में सुधार के लिए और अधिक सहयोग करने पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने आपसी शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट एजेंडे को आगे बढ़ाने, ज्ञान सेतुओं को मजबूत करने और शिक्षा, कौशल विकास और रिसर्च में गहन सहयोग को बढ़ावा देने के लिए निरंतर नीतिगत संवादों के लिए एक वास्तुकला बनाने पर भी सहमति व्यक्त की। मुझे विश्वास है कि आज की बैठक भारत-यूरोपीय संघ शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट साझेदारी में महत्वपूर्ण प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगी।
उन्होंने आगे बताया, ”हमने सीखने और कौशल के बीच की खाई को पाटने के साथ-साथ सीखने और स्किल डेवलपमेंट तंत्र में सुधार के लिए और अधिक सहयोग करने पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने आपसी शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट एजेंडे को आगे बढ़ाने, ज्ञान के पुलों को मजबूत करने और शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट, रिसर्च और नवाचार में गहन सहयोग को बढ़ावा देने पर भी सहमति व्यक्त की।” उन्होंने कहा, ”मुझे विश्वास है कि आज की बैठक भारत-यूरोपीय संघ शिक्षा और कौशल विकास साझेदारी में महत्वपूर्ण प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगी।”
भारत और यूरोपीय संघ के बीच शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट में सहयोग से न केवल छात्रों और शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय अवसर मिलेंगे, बल्कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था को भी वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित करने में मदद मिलेगी। नई शिक्षा नीति के तहत इस तरह के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से युवाओं के लिए रोजगार और शोध के नए द्वार खुल सकते हैं।