पूर्णिया जिले के बायसी प्रखंड के शादीपुर भुटहा गाँव की शर्मा टोली में लगभग 150 हिंदू परिवारों को अपने घरों तक पहुँचने के रास्ते को लेकर गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गाँव के चारों ओर मुस्लिम बस्तियाँ और उनकी निजी जमीनें होने के कारण इन परिवारों के आवागमन के मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे उनकी दैनिक गतिविधियाँ, जैसे विवाह समारोह और बीमार व्यक्तियों को अस्पताल ले जाना, प्रभावित हो रही हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पहले वे निजी रास्तों का उपयोग करते थे, लेकिन अब 12 डिसमिल जमीन के एक छोटे से टुकड़े के कारण लगभग 100 मीटर का रास्ता बंद कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि जमीन मालिक को रास्ते के लिए एक लाख रुपये तक की पेशकश की गई थी, लेकिन मुस्लिम समाज के दबाव में उन्होंने पैसे लौटा दिए और रास्ता नहीं दिया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम पक्ष उन्हें पूजा-पाठ करने और लाउडस्पीकर बजाने से भी रोकता है, जिससे उनकी धार्मिक स्वतंत्रता बाधित हो रही है। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने पहले एसडीएम कोर्ट में अपील की, जहाँ उनके पक्ष में फैसला आया, लेकिन बाद में सिविल कोर्ट ने उस फैसले को पलट दिया और मुस्लिम पक्ष के पक्ष में निर्णय दिया।
Bihar: Muslim Community in Purnia’s Baisi allegedly BLOCKED 200 Hindu Families from Worship and Idol Immersion. Area falls under MLA Syed Ruknuddin Ahmed. pic.twitter.com/u2z90HfVsZ
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) March 1, 2025
बायसी की एसडीएम कुमारी तौसी ने कहा कि कानून के अनुसार, यदि 100 से अधिक परिवार किसी स्थान पर रहते हैं, तो उनका रास्ता कोई नहीं रोक सकता। हालांकि, इस मामले में समस्या का समाधान नहीं निकल पाया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में थाना और अंचल अधिकारी को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस बीच, सोशल मीडिया पर स्थानीय लोगों की परेशानियों से जुड़े वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें एक महिला ने आरोप लगाया कि हिंदुओं को मूर्ति विसर्जन के लिए नहीं जाने दिया जाता और पूजा-पाठ में भी मुस्लिम समुदाय द्वारा बाधा डाली जाती है।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि वे समस्या के समाधान के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन जमीन के मालिक अपनी निजी संपत्ति का हवाला देकर रास्ता देने से इनकार कर रहे हैं। वर्तमान में, हिंदू पक्ष रास्ते की परेशानी को लेकर लगातार प्रशासन से गुहार लगा रहा है।
यह मामला दर्शाता है कि भूमि और रास्ते से संबंधित विवाद ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक तनाव का कारण बन सकते हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए संवेदनशीलता और न्यायसंगत दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।