मथुरा-वृंदावन में ब्रज की होली को लेकर मुस्लिम व्यापारियों की भागीदारी पर विवाद छिड़ गया है। हिंदू संगठनों और कुछ संतों ने मांग की है कि मुस्लिम दुकानदारों को इस आयोजन से दूर रखा जाए, जबकि कुछ श्रद्धालु इसे सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाने के पक्षधर हैं।
विवाद की प्रमुख बातें:
- हिंदू संगठनों की मांग
- धर्म रक्षा संघ समेत कई हिंदूवादी संगठनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि मुस्लिम व्यापारियों को मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, बरसाना और अन्य तीर्थ स्थलों पर होली के दौरान दुकानें लगाने की अनुमति न दी जाए।
- संगठन का दावा है कि इससे होली के दौरान अशांति फैल सकती है।
- खून से लिखा पत्र
- श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस लड़ने वाले वकील दिनेश फलाहारी ने मुख्यमंत्री योगी को अपने खून से पत्र लिखकर मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
- उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम दुकानदार हिंदू त्योहारों से पैसा कमाते हैं, लेकिन हिंदू संस्कृति से नफरत करते हैं और त्योहारों के पकवानों में अपवित्रता फैला सकते हैं।
- श्रद्धालुओं की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
- कुछ लोगों ने कहा कि हिंदू, मुस्लिम त्योहारों में शामिल नहीं होते, इसलिए होली से मुस्लिमों को दूर रखना उचित है।
- कुछ ने सीएम योगी के महाकुंभ में मुस्लिम दुकानों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की सराहना की।
- वहीं, कुछ श्रद्धालु सौहार्द और भाईचारे के पक्ष में दिखे। उनका कहना था कि भगवान श्रीकृष्ण सभी के हैं, और होली एक ऐसा त्योहार है जो सबको जोड़ता है।
महाकुंभ में भी हुआ था विवाद
- इससे पहले प्रयागराज महाकुंभ 2025 में भी मुस्लिम दुकानदारों पर प्रतिबंध की मांग की गई थी।
- अखाड़ा परिषद ने मेला क्षेत्र में मुस्लिम व्यापारियों के दुकान लगाने पर रोक लगाई थी।
सरकार का रुख
- अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
- लेकिन महाकुंभ में हुए प्रतिबंध को देखते हुए सरकार का फैसला महत्वपूर्ण हो सकता है।