डॉ. मोहन भागवत का अरुणाचल प्रदेश में डोनयी पोलो न्येडर नामलो का दौरा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने अरुणाचल प्रदेश के नाहरलागुन में स्थित डोनयी पोलो न्येडर नामलो का दौरा किया। यह न्यीशी जनजाति के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है, जो पचिन नदी के किनारे, पचिन कॉलोनी में स्थित है।
डोनयी पोलो नामलो का आध्यात्मिक महत्व
✅ डोनयी (सूर्य) और पोलो (चंद्रमा) की पूजा के लिए समर्पित यह स्थान अरुणाचल प्रदेश के स्वदेशी समुदायों के लिए विशेष आध्यात्मिक महत्व रखता है।
✅ यह नामलो हर रविवार को डोनयी पोलो के सम्मान में प्रार्थनाएं और अनुष्ठान आयोजित करता है, जो जीवन, ज्ञान और प्रकृति के सामंजस्य का प्रतीक माने जाते हैं।
डॉ. भागवत का स्वागत और अनुष्ठान में भागीदारी
✅ श्रद्धालुओं और नामलो समिति द्वारा डॉ. मोहन भागवत का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
✅ उन्होंने श्रद्धा और विनम्रता के साथ नामलो के प्रार्थना समारोह में भाग लिया।
✅ उनकी उपस्थिति स्वदेशी समुदायों की आध्यात्मिक धरोहर और परंपराओं के प्रति सम्मान को दर्शाती है।
संस्कृति और आध्यात्मिकता पर चर्चा
✅ नामलो के पुजारियों और श्रद्धालुओं से मुलाकात कर उनके रीति-रिवाजों और परंपराओं के संरक्षण के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।
✅ सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाए रखने के महत्व पर बल दिया।
✅ उन्होंने कहा कि डोनयी पोलो न्येडर नामलो जैसी आध्यात्मिक प्रथाएं राष्ट्र निर्माण और सामाजिक सद्भाव के लिए जरूरी हैं।
यात्रा का सार और संदेश
✅ यह यात्रा शांति, समृद्धि और कल्याण की प्रार्थनाओं के साथ पूर्ण हुई।
✅ डॉ. भागवत की उपस्थिति ने स्वदेशी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं के संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया।
✅ इस दौरे ने समावेशी भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाने और पारंपरिक आध्यात्मिक धरोहर को बनाए रखने की आवश्यकता को मजबूत किया।
डॉ. मोहन भागवत की यह यात्रा अरुणाचल प्रदेश के स्वदेशी समुदायों की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को सम्मान और समर्थन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।