मायावती ने आकाश आनंद को बसपा से किया निष्कासित
बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के खिलाफ एक और बड़ा फैसला लेते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इससे पहले मायावती ने उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर सहित सभी पदों से हटा दिया था।
मायावती का बयान: अनुशासन और पार्टी हित में फैसला
मायावती ने कहा कि यह निर्णय बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के आंदोलन और कांशीराम जी की अनुशासन परंपरा को बनाए रखने के लिए लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आकाश आनंद को उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में बने रहने के कारण पार्टी से निष्कासित किया गया है।
मायावती के अनुसार, आकाश को इस फैसले को स्वीकार कर परिपक्वता दिखानी चाहिए थी, लेकिन इसके बजाय उन्होंने एक लंबी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी, जो स्वार्थ, अहंकार और गैर-मिशनरी प्रवृत्ति को दर्शाती है।
Day after removing Akash Anand from the party's posts, BSP chief Mayawati has now expelled him from the party.
"In the interest of the movement of Baba Saheb Dr Bhimrao Ambedkar and following the tradition of the discipline of Kanshiram ji, Akash Anand, like his father-in-law,… pic.twitter.com/I0Te7r2Gvq
— ANI (@ANI) March 3, 2025
आकाश आनंद की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर भावनात्मक पोस्ट
मायावती द्वारा सभी पदों से हटाने के बाद आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर एक भावनात्मक पोस्ट लिखते हुए कहा:
✅ “मैं मायावती जी का कैडर हूं और उनके नेतृत्व में त्याग, निष्ठा और समर्पण के सबक सीखे हैं। बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के समान है, और मैं उनके हर निर्णय का सम्मान करता हूं।”
✅ “मुझे पार्टी से हटाने का फैसला मेरे लिए भावनात्मक है, लेकिन यह एक नई चुनौती भी है। परीक्षा कठिन है, और लड़ाई लंबी है।”
✅ “कुछ लोग सोच रहे हैं कि मेरा राजनीतिक करियर समाप्त हो गया है, लेकिन बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई है। इस आंदोलन को दबाया नहीं जा सकता, और इसे आगे बढ़ाने के लिए लाखों आकाश आनंद हमेशा तैयार हैं।”
"Bahujan Movement is not a career but a fight for self-respect…": Akash Anand after his expulsion from all posts of BSP
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— ANI Digital (@ani_digital) March 3, 2025
क्या है निष्कासन के पीछे की असली वजह?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, मायावती का यह फैसला बसपा के अंदरूनी सत्ता संघर्ष और नेतृत्व के भविष्य से जुड़ा हो सकता है।
🔹 आकाश आनंद को मायावती का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जा रहा था, लेकिन उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में रहने से पार्टी में अंदरूनी असहमति बढ़ रही थी।
🔹 मायावती पार्टी में अनुशासन और एकछत्र नेतृत्व बनाए रखना चाहती हैं, और किसी भी गुटबाजी को रोकना चाहती हैं।
🔹 बसपा लंबे समय से संगठनात्मक कमजोरियों का सामना कर रही है, और यह फैसला मायावती की मजबूत पकड़ दिखाने का प्रयास भी हो सकता है।
क्या आकाश आनंद बसपा में वापसी करेंगे?
फिलहाल, आकाश आनंद ने बसपा के खिलाफ कोई नाराजगी नहीं जताई है, बल्कि मायावती के फैसले का सम्मान करने की बात कही है। हालांकि, भविष्य में उनके अगले कदम पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।