सूडान में जारी हिंसा और संघर्ष के बीच बच्चों के खिलाफ हो रहे जघन्य अपराधों की यह रिपोर्ट बेहद चिंताजनक और मानवता को झकझोर देने वाली है। यूनिसेफ और अन्य संस्थाओं की रिपोर्ट्स से साफ है कि यौन हिंसा को एक रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जो न केवल अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है, बल्कि युद्ध अपराध के दायरे में आता है।
मुख्य बिंदु:
- बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा: 2024 की शुरुआत से अब तक 221 बच्चों के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई, जिनमें से 30% पीड़ित लड़के थे।
- युद्ध से प्रभावित क्षेत्र: गदारेफ, कसाला, गेजेरा, खार्तूम, रिवर नाइल, नॉर्दर्न स्टेट, साउथ कोर्दोफन, नॉर्थ दारफुर और वेस्ट दारफुर में ये भयावह घटनाएं दर्ज हुईं।
- युद्ध की रणनीति के रूप में यौन हिंसा: यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, यौन हिंसा को एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जा रहा है।
- बच्चों की स्थिति भयावह: 16 बच्चे 5 साल से कम उम्र के थे, जबकि 4 नवजात शिशु भी इस हिंसा का शिकार हुए।
- लाखों लोग विस्थापित: युद्ध के कारण 1.4 करोड़ लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं और देश के कई हिस्से भुखमरी की कगार पर हैं।
‘30 प्रतिशत से ज्यादा पीड़ित लड़के थे’
UNICEF ने पिछले महीने बताया था कि युद्ध शुरू होने के बाद से अनुमानित 61,800 बच्चे आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं। संस्था ने कहा कि बच्चों के साथ बलात्कार के मामलों में 30 प्रतिशत से ज्यादा पीड़ित लड़के थे। पीड़ितों में 5 वर्ष से कम उम्र के 16 बच्चे और 4 शिशु शामिल हैं। ये मामले गदारेफ, कसाला, गेजेरा, खार्तूम, रिवर नाइल, नॉर्दर्न स्टेट, साउथ कोर्दोफन, नॉर्थ दारफुर और वेस्ट दारफुर राज्यों में दर्ज किए गए।
‘युद्ध की रणनीति के रूप में हो रहा इस्तेमाल’
‘यूनिसेफ’ की प्रवक्ता टेस इनग्राम ने बताया कि बलात्कार के शिकार हुए 221 बच्चों में से 73 मामले लड़ाई से जुड़े हुए थे जबकि 71 का इससे कोई लेना देना नहीं था और बाकी के मामले अज्ञात थे। UNICEF की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने रिपोर्ट में कहा कि बलात्कार सहित यौन हिंसा का इस्तेमाल ‘युद्ध की रणनीति के रूप में किया जा रहा है’ जो अंतरराष्ट्रीय कानून और बच्चों की सुरक्षा से जुड़े कानूनों का उल्लंघन है।
बंदूक के दम पर किया गया लड़के से रेप
महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा की रिपोर्ट जुटाने वाली गैर-लाभकारी संस्था ‘SIHA नेटवर्क’ ने पिछले महीने कहा था कि जंग शुरू होने के बाद से संघर्ष से संबंधित यौन हिंसा के लगभग 23 प्रतिशत मामले लड़कियों से जुड़े थे। दक्षिण कोर्दोफन में बंदूक के दम पर एक लड़के से रेप किया गया और 6 साल के बच्चे सहित कई बच्चों के साथ भी दुष्कर्म किया गया।
वैश्विक प्रतिक्रिया और आवश्यक कदम
- संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि इन अपराधों के दोषियों को सजा दी जा सके।
- मानवीय सहायता और सुरक्षा प्रयास बढ़ाने की जरूरत है, ताकि बच्चों और महिलाओं को इस अत्याचार से बचाया जा सके।
- संयुक्त राष्ट्र और अफ्रीकी संघ को संघर्ष विराम के लिए ठोस पहल करनी होगी, ताकि सूडान की स्थिति और न बिगड़े।
यह रिपोर्ट बताती है कि सूडान की लड़ाई अब सिर्फ सैन्य संघर्ष नहीं रही, बल्कि वहां के नागरिक—खासकर बच्चे और महिलाएं—इसके सबसे बड़े पीड़ित बन चुके हैं। इस पर आपका क्या विचार है?