इलाहाबाद हाई कोर्ट में संभल स्थित शाही जामा मस्जिद से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय द्वारा इसे “विवादित ढांचा” कहे जाने से मामला और संवेदनशील हो गया है। हिंदू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन की अपील पर जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने आदेश में इस शब्द का प्रयोग किया।
मुख्य बिंदु:
- मस्जिद कमेटी की मांगें:
- रमजान के मद्देनजर मस्जिद की सफेदी और सफाई की अनुमति दी जाए।
- ASI की रिपोर्ट को खारिज किया जाए, क्योंकि ASI “गार्जियन” है, मालिक नहीं।
- ASI की स्थिति:
- सफाई की अनुमति दी गई, लेकिन सफेदी की जरूरत नहीं मानी गई।
- कोर्ट ने तीन सदस्यीय एएसआई टीम को मस्जिद का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
- कोर्ट की अगली सुनवाई:
- 10 मार्च को होगी अगली सुनवाई।
- मस्जिद पर विवाद का कारण:
- हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद ऐतिहासिक हरिहर मंदिर के ऊपर बनाई गई थी।
- 24 नवंबर 2024 को मस्जिद के सर्वे के आदेश के बाद हिंसक झड़पों में चार लोगों की मौत हुई।
- कानून-व्यवस्था पर यूपी सरकार का पक्ष:
- राज्य सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा रही है।
मामले का संभावित प्रभाव:
- “विवादित ढांचा” शब्द के प्रयोग से मामला और संवेदनशील हो सकता है।
- अगली सुनवाई में ASI की रिपोर्ट पर बहस होगी, जिससे तय होगा कि क्या मस्जिद की सफेदी की अनुमति मिलेगी या नहीं।
- यह मामला ज्ञानवापी मस्जिद विवाद और कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से जोड़ा जा सकता है, जिससे देशभर में कानूनी और राजनीतिक बहस तेज हो सकती है।