RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक 21-23 मार्च को बेंगलुरु में
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक इस वर्ष 21 से 23 मार्च तक बेंगलुरु में आयोजित होने जा रही है। इस बैठक में भारतभर से 1500-1600 संघ पदाधिकारी शामिल होंगे।
इस बैठक का विशेष महत्व है क्योंकि RSS अपनी स्थापना का 100वां वर्ष मना रहा है। विजयादशमी 2025 से विजयादशमी 2026 तक संघ का शताब्दी वर्ष होगा, जिसके कार्यक्रमों को लेकर इस बैठक में प्रमुख चर्चा होगी।
बैठक में भाग लेने वाले संगठन
RSS की इस बैठक में संघ के 45 प्रांतों के प्रतिनिधि और 32 सहयोगी संगठनों के पदाधिकारी शामिल होंगे, जिनमें शामिल हैं:
- भारतीय जनता पार्टी (BJP)
- विश्व हिंदू परिषद (VHP)
- भारतीय मजदूर संघ (BMS)
- भारतीय किसान संघ (BKS)
- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP)
- राष्ट्र सेविका समिति
नोट: यह बैठक हर साल मार्च में होती है, और हर तीन साल में चुनावी वर्ष के रूप में मानी जाती है। पिछले साल की बैठक नागपुर में हुई थी, जबकि इस वर्ष यह बेंगलुरु में हो रही है।
बिहार और बंगाल चुनावों पर चर्चा
RSS प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बिहार प्रवास के बाद, इस बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणनीति पर चर्चा होने की संभावना है। साथ ही, बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 को लेकर भी विचार-विमर्श होगा।
मोहन भागवत हाल ही में बंगाल (10 दिन), असम (5 दिन), अरुणाचल (4 दिन) और बिहार (आगामी प्रवास) पर जा चुके हैं। इससे संकेत मिलता है कि पूर्वी भारत में संघ की सक्रियता और विस्तार बैठक के प्रमुख एजेंडे में रहेगा।
बैठक में प्रमुख पदाधिकारी
इस बैठक में RSS के शीर्ष नेतृत्व सहित कई प्रमुख पदाधिकारी भाग लेंगे:
- सरसंघचालक: डॉ. मोहन भागवत
- सरकार्यवाह: दत्तात्रेय होसबले
- सह-सरकार्यवाह:
- डॉ. कृष्ण गोपाल
- केसी मुकुंद
- अरुण कुमार
- राम दत्त चक्रधर
- आलोक कुमार
- अतुल लिमये
इसके अलावा, शारीरिक प्रमुख, बौद्धिक प्रमुख, व्यवस्था प्रमुख, सेवा प्रमुख, संपर्क प्रमुख, प्रचारक प्रमुख, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य, आमंत्रित सदस्य भी बैठक में उपस्थित रहेंगे।
अगर भाजपा अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 20 मार्च तक कर लेती है, तो संभावना है कि वे भी इस बैठक में शामिल होंगे।
संघ के शताब्दी वर्ष की योजनाएं
बैठक में RSS के 100वें वर्ष (2025-26) के भव्य आयोजनों को लेकर चर्चा होगी।
- विजयादशमी 2025 से 2026 तक पूरे साल संघ का शताब्दी समारोह मनाया जाएगा।
- इस दौरान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर RSS के योगदान और विस्तार को लेकर विशेष कार्यक्रम होंगे।
- संघ अपने सामाजिक, सांस्कृतिक, और राष्ट्रवादी अभियानों को और व्यापक रूप से फैलाने की रणनीति तय करेगा।
RSS की यह बैठक संगठनात्मक रणनीति और भविष्य की कार्ययोजना तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। इसमें बिहार और बंगाल चुनावों पर महत्वपूर्ण चर्चा होगी, साथ ही संघ के शताब्दी वर्ष (2025-26) की योजनाएं तैयार की जाएंगी। भाजपा समेत RSS के सभी सहयोगी संगठन इस बैठक में हिस्सा लेंगे, जिससे इसके राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण होंगे।