यह रोपवे परियोजनाएँ उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन और बुनियादी ढांचे को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट से श्रद्धालुओं की यात्रा आसान और सुरक्षित होगी।
केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट:
- लंबाई: 12.9 किलोमीटर
- कुल लागत: ₹4,081 करोड़
- रूट: सोनप्रयाग से केदारनाथ
- समय की बचत: यात्रा का समय 8-9 घंटे से घटकर केवल 36 मिनट रह जाएगा।
- तकनीकी सहायता: इस प्रोजेक्ट में ऑस्ट्रिया और फ्रांस के एक्सपर्ट्स की मदद ली जाएगी।
- प्रवाह क्षमता: हर गोंडोला में 36 यात्री सफर कर सकेंगे।
- लाभ: यह रोपवे सभी मौसमों में केदारनाथ की यात्रा को सुगम बनाएगा, जिससे श्रद्धालु आसानी से मंदिर तक पहुंच सकेंगे।
हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट:
- लंबाई: 12.4 किलोमीटर
- कुल लागत: ₹2,730 करोड़
- रूट: गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब
- ऊंचाई: समुद्र तल से 15,000 फीट
- लाभ:
- इस रोपवे से गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
- वर्तमान में 1.5 से 2 लाख श्रद्धालु हर साल इस यात्रा पर आते हैं, लेकिन कठिन चढ़ाई और मौसम संबंधी चुनौतियों के कारण कई लोगों के लिए यह कठिन हो जाता है।
- यह रोपवे इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे तक की यात्रा को जल्द, आसान और सुविधाजनक बनाएगा।
परियोजना के व्यापक लाभ:
✅ यात्रा होगी आसान और सुरक्षित – कठिन ट्रैकिंग से राहत मिलेगी और बुजुर्ग व दिव्यांग यात्रियों के लिए भी यात्रा सुगम होगी।
✅ पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा – ये प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे, जिससे होटल, दुकानें और परिवहन सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।
✅ उत्तराखंड के बुनियादी ढांचे में बड़ा सुधार – यह परियोजना राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला योजना के तहत है, जिससे पहाड़ी इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी।