प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा उत्तराखंड के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करता है, खासकर माँ गंगा की पूजा-अर्चना और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास से जुड़े उनके संकल्प को।
मुखवा गाँव और माँ गंगा की आराधना
- मुखवा गाँव, जहाँ माँ गंगा का शीतकालीन प्रवास होता है, उत्तराखंड की परंपराओं और आस्थाओं से जुड़ा हुआ है।
- ग्रामीणों द्वारा माँ गंगा को बेटी की तरह पूजने की परंपरा इस क्षेत्र की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाती है।
- पीएम मोदी द्वारा मुखीमठ में पूजा-अर्चना और गंगाजल ग्रहण करना, उनकी धार्मिक आस्था और उत्तराखंड से जुड़ाव को दर्शाता है।
हर्षिल से जादुंग तक बाइक रैली और सीमावर्ती विकास
- पीएम मोदी द्वारा हर्षिल से जादुंग तक बाइक रैली को हरी झंडी दिखाना एक महत्वपूर्ण संकेत है।
- जादुंग गाँव 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली कराया गया था, लेकिन अब इसे फिर से बसाने का प्रयास चल रहा है।
- यह पहल सीमावर्ती इलाकों में पुनर्वास और विकास के मोदी सरकार के संकल्प को दर्शाती है, जिससे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को मजबूत किया जा सके।
उत्तराखंड के विकास पर पीएम मोदी का जोर
- पीएम मोदी ने अपने भाषण में उत्तराखंड की प्रगति और संकल्पों की चर्चा की।
- उन्होंने सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि यह चारधाम यात्रा को और सुगम बनाएगी।
- नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, रोपवे, और सीमावर्ती गाँवों के पुनर्वास से उत्तराखंड का विकास तेज़ी से हो रहा है।
उत्तराखंड: दशक का केंद्र
पीएम मोदी की यह बात कि “यह दशक उत्तराखंड का है”— राज्य के लिए उनकी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का पुनर्विकास,
- चारधाम महामार्ग परियोजना,
- रेल और हवाई संपर्क में सुधार,
- सीमावर्ती गाँवों का पुनर्वास,
- पर्यटन और आध्यात्मिक स्थलों के विकास जैसे कदम उत्तराखंड को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
#WATCH | Uttarakhand: While addressing a public rally in Uttarkashi, PM Modi says, "People might know that when China attacked India in 1962, these two villages of ours were evacuated. People have forgotten, but we cannot forget. We have launched a campaign to rehabilitate those… pic.twitter.com/s5vy7j8O3W
— ANI (@ANI) March 6, 2025
राजनीतिक और रणनीतिक संदेश
पीएम मोदी का यह दौरा सिर्फ धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि एक बड़े राजनीतिक और सामरिक संदेश का हिस्सा है।
- उत्तराखंड की जनता के साथ गहरा जुड़ाव स्थापित करना।
- सीमावर्ती इलाकों के पुनर्वास से चीन को स्पष्ट संकेत देना कि भारत अपने सीमाई क्षेत्रों को मजबूत कर रहा है।
- अगले लोकसभा चुनाव 2024 और राज्य में भाजपा के लिए जनसमर्थन बढ़ाने की रणनीति।
पीएम मोदी की इस यात्रा को उत्तराखंड के विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के नजरिए से महत्वपूर्ण माना जा सकता है।