उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ और पंजाब पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई ने एक बड़े आतंकी खतरे को टाल दिया है। प्रयागराज महाकुंभ के दौरान संभावित आतंकी हमले की योजना का पर्दाफाश होना दर्शाता है कि पाकिस्तान स्थित आईएसआई और खालिस्तानी आतंकी संगठनों की भारत में अस्थिरता फैलाने की साजिश लगातार जारी है।
मुख्य बिंदु:
- बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का आतंकी गिरफ्तार
- संदिग्ध आतंकी लजर मसीह को कौशांबी से गिरफ्तार किया गया।
- वह ISI के सीधे संपर्क में था, जिसे पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियार और विस्फोटक भेजे जा रहे थे।
- महाकुंभ को निशाना बनाने की साजिश
- प्रयागराज महाकुंभ में बड़ी आतंकी वारदात की योजना थी।
- खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी पहले धमकी दी थी।
- लजर मसीह महाकुंभ के दौरान कौशांबी, लखनऊ और कानपुर में सक्रिय था।
- ISI और खालिस्तानी नेटवर्क की सक्रियता
- इससे पहले 23 दिसंबर 2024 को पीलीभीत में तीन आतंकी मारे गए थे।
- खालिस्तानी तत्व भारत में आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें पाकिस्तान की आईएसआई की अहम भूमिका है।
- लजर मसीह गिरफ्तारी के बाद पुर्तगाल भागने की योजना बना रहा था।
सुरक्षा और राजनीतिक संदेश:
- उत्तर प्रदेश पुलिस और एसटीएफ की त्वरित कार्रवाई से एक बड़ा आतंकी हमला टल गया।
- महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन को निशाना बनाना भारत की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय सुरक्षा पर हमला करने जैसा होता।
- यह घटना दर्शाती है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क भारत में लगातार साजिश रच रहे हैं, जिनका मकसद सांप्रदायिक उन्माद भड़काना और अस्थिरता पैदा करना है।
क्या हो सकता था और आगे की चुनौतियाँ:
- यदि यह हमला सफल होता, तो भारत की सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी चूक होती और इसका राजनीतिक व सामाजिक प्रभाव गंभीर हो सकता था।
- खालिस्तानी आतंकवाद फिर से सक्रिय हो रहा है, ऐसे में सीमा पर निगरानी और आतंकी मॉड्यूल्स के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई जरूरी है।
- पुलिस और खुफिया एजेंसियों को ड्रोन के जरिए आ रहे हथियारों और टेरर फंडिंग के स्रोतों पर विशेष ध्यान देना होगा।
निष्कर्ष:
लजर मसीह की गिरफ्तारी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और समन्वय की सफलता है, लेकिन यह भी दिखाता है कि आतंकवादी संगठनों की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। भारत को अपनी आतंरिक और बाह्य सुरक्षा को और मजबूत करने की जरूरत है, खासकर ऐसे आयोजनों के दौरान, जिनमें लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं।