मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में नर्मदा परिक्रमा पथ के विकास, रेडी टू स्टे आश्रय निर्माण और अन्य विषयों पर चर्चा की गई।
नर्मदा परिक्रमा पथ के लिए विशेष योजनाएं
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रेडी टू स्टे आश्रय:
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करीब डेढ़ एकड़ में विश्राम स्थलों का निर्माण किया जाएगा।
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पेड़-पौधे लगाए जाएंगे और बेहतर ठहरने की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
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चातुर्मास करने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे।
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इसमें स्वयंसेवी संगठनों और समितियों को भी शामिल किया जाएगा।
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परिक्रमा पथ का अत्याधुनिक चिन्हांकन:
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पहली बार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग जीआईएस आधारित सॉफ्टवेयर का उपयोग करेगा।
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इस तकनीक की मदद से नर्मदा परिक्रमा की योजना को सुगम और प्रभावी बनाया जाएगा।
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इस सॉफ्टवेयर को ग्रे वॉटर मैनेजमेंट और अन्य ग्रामीण विकास कार्यों में भी इस्तेमाल किया जाएगा।
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नर्मदा परिक्रमा पथ के लिए ‘सॉफ्टवेयर फॉर आइडेंटिफिकेशन एंड प्लानिंग ऑफ रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर’
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यह जीआईएस आधारित आधुनिक तकनीक पर विकसित किया गया है।
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इससे नर्मदा पथ का सटीक चिन्हांकन किया जाएगा।
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यह सॉफ्टवेयर अन्य ग्रामीण अवसंरचना परियोजनाओं में भी मददगार साबित होगा।
रेडी टू स्टे आश्रय की विशेषताएं
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7-लेयर की छत:
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बल्ली, बांस, मिट्टी, MS फ्रेम गैप, MS फ्रेम, प्रोफाइल शीट और मिट्टी के खप्पड़ का उपयोग।
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इससे आश्रय स्थल को मजबूती और प्राकृतिक संतुलन मिलेगा।
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मिट्टी और गोबर के लेपन का उपयोग।
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स्थानीय संसाधनों से निर्माण ताकि पर्यावरण अनुकूल हो।
खेत तालाबों पर विशेष जोर
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बरसात से पहले खेत तालाबों का निर्माण पूरा करने के निर्देश।
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इससे वॉटर रिचार्ज और जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में मौजूद प्रमुख अधिकारी
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पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी।
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संस्कृति और पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला।
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कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे।
नर्मदा परिक्रमा को अधिक सुविधाजनक और सुव्यवस्थित बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों और पारंपरिक निर्माण शैली का अद्भुत समन्वय किया जा रहा है। मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की यह पहल तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए नर्मदा परिक्रमा को अधिक सुगम बनाएगी और ग्रामीण विकास को भी बढ़ावा देगी।