ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं बरसी पर एक बार फिर पंजाब के अमृतसर में खालिस्तानी नारे सुनाई पड़े। यहाँ स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने भिंडरावाले के पोस्टर और तलवारें लहराते हुए खालिस्तानी नारे लगाए। वहीं श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिख कौम को श्री अकाल तख्त की अगुवाई में एकजुट होने को कहा।
अब हालात देखते हुए पंजाब में पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर है। पुलिस की ओर से हरमिंदर साहिब के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यहाँ अर्धसैनिक बल चार कंपनियाँ और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिख कौम को संबोधित करते हुए कहा, “हमारी कौम और धार्मिक संस्थाएँ इस समय विभाजित हैं। इन्हें श्री अकाल तख्त की अगुवाई में इकट्ठा करना समय की जरूरत है।” वह बोले कि एकता के लिए जरूरी है कि सिख संगठनों एवं अकाली दलों को मतभेद दूर करने होंगे।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बिखरी हुई शक्ति को एकजुट करके सरकार के खिलाफ संघर्ष शुरू करने की घोषणा की और बोले कि सरकारों से न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती। सिखों को राजनीतिक तथा आर्थिक तौर से मजबूत होते हुए खुद ही इंसाफ के लिए संघर्ष करना होगा।
इस दौरान सिखों को भड़काते हुए ये भी कहा गया कि सरकार ने जो सिखों को घाव दिए हैं वो कभी भुलाए नहीं जा सकते। ये घाव गहरे हैं और कभी नहीं भरेंगे। सरकारों से उम्मीद ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारी शक्ति कम है लेकिन हमारी शक्ति बिखरी हुई है। 1984 के बाद हम यहाँ और झुकते हैं और चले जाते हैं। लेकिन अब मतभेदों को दूर करने की जरूरत है।
गौरतलब है कि 6 जून ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी होती है। साल 1984 में भारतीय सेना ने खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके समर्थकों को मारकर इस ऑपरेशन को खत्म किया था। यह ऑपरेशन रात के अंधेरे में हुआ था इसलिए इसका नाम ऑपरेशन ब्लू स्टार पड़ा। तत्कालीन पीएम इंदिरा गाँधी के आदेश पर यह कार्रवाई आगे बढ़ी थी।