सरकार ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का ऐलान कर दिया है। सरकार ने यह फैसला वैश्विक तेल कीमतों में जारी उतार-चढ़ाव और ट्रम्प के टैरिफ के बीच लिया है। खबर के मुताबिक, पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। इस खबर से खुदरा ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने यह बताया है कि आज उत्पाद शुल्क दरों में की गई वृद्धि के बाद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी।
PSU Oil Marketing Companies have informed that there will be no increase in retail prices of #Petrol and #Diesel, subsequent to the increase effected in Excise Duty Rates today.#MoPNG
— Ministry of Petroleum and Natural Gas #MoPNG (@PetroleumMin) April 7, 2025
खुदरा कीमतों में बदलाव क्यों नहीं होगा?
यहाँ कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं:
1. अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
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हाल ही में ब्रेंट क्रूड और डब्ल्यूटीआई की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट आई है।
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उदाहरण: अगर कच्चे तेल की कीमत $85 से घटकर $78 प्रति बैरल हो गई, तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को लागत में राहत मिलती है।
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इस राहत से सरकार उत्पाद शुल्क (Excise Duty) बढ़ाकर कीमत स्थिर रखने की कोशिश कर रही है।
2. OMCs (Oil Marketing Companies) का मार्जिन
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इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी कंपनियाँ पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए अपने मार्जिन में एडजस्टमेंट करती हैं।
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वे लंबे समय तक खुदरा मूल्य स्थिर रखने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से समन्वय करती हैं।
3. महंगाई को नियंत्रित रखने की रणनीति
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लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार महंगाई को कंट्रोल में दिखाना चाहती है।
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खुदरा कीमतें अगर बढ़ती हैं, तो उसका सीधा असर जनमत पर पड़ सकता है।
4. सरकार का राजस्व बढ़ाना, जनता पर असर नहीं डालना
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सरकार को अतिरिक्त टैक्स रेवेन्यू चाहिए, लेकिन जनता पर बोझ डाले बिना।
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इसलिए “बैकएंड एडजस्टमेंट” यानी अंतरराष्ट्रीय कीमतों की गिरावट से मिलने वाले लाभ से एक्साइज़ ड्यूटी की बढ़ोतरी को समायोजित किया जाएगा।
एक उदाहरण से समझिए:
स्थिति | पेट्रोल का मूल्य (₹/L) |
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पहले | ₹96 |
अंतरराष्ट्रीय कीमतें गिरीं | -₹2.50 की राहत |
सरकार ने एक्साइज बढ़ाया | +₹2.00 का टैक्स |
खुदरा मूल्य में बदलाव | ₹96 (स्थिर रखा गया) |