मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गोरखपुर में उद्घाटित डिस्टिलरी प्लांट का यह भाषण और विवरण उत्तर प्रदेश की हरित ऊर्जा नीति, किसान सशक्तिकरण, और स्थानीय रोजगार सृजन के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाता है। यहां कुछ प्रमुख बिंदु और विश्लेषण हैं:
डिस्टिलरी प्लांट की विशेषताएं
- स्थान: गोरखपुर (गीडा)
- क्षेत्रफल: 30 एकड़
- लागत: ₹1200 करोड़
- उत्पादन क्षमता:
- प्रतिदिन साढ़े तीन लाख लीटर इथनॉल (विस्तार के बाद 5 लाख लीटर/दिन)
- रेक्टिफाइड स्पिरिट का भी निर्माण (दवाओं में उपयोगी)
मुख्य लाभ और उद्देश्य
- हरित ऊर्जा को बढ़ावा:
- इथनॉल को पेट्रोल-डीजल में मिलाकर इंपोर्ट पर निर्भरता घटेगी, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
- इससे वाहनों और भविष्य में हवाई जहाजों को इथनॉल से चलाने की संभावनाएं खुलेंगी।
- किसानों के लिए दोहरी आमदनी:
- टूटे चावल, पराली, खराब गेहूं और गन्ने का इथनॉल उत्पादन में उपयोग।
- यह प्लांट किसानों की फसल का बेहतर मूल्य सुनिश्चित करेगा।
- स्थानीय रोजगार सृजन:
- 2000 प्रत्यक्ष और 2000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर।
- युवाओं को ट्रेनिंग और डिप्लोमा कोर्स की सुविधा भी दी जा रही है।
- इकोनॉमी को बूस्ट:
- गोरखपुर और गीडा क्षेत्र में अब तक ₹15,000 करोड़ से अधिक निवेश।
- 50,000 से ज्यादा युवाओं को नौकरी का अवसर।
पर्यावरण संरक्षण की प्राथमिकता
- जीरो लिक्विड डिस्चार्ज तकनीक का उपयोग।
- सौर ऊर्जा और हरी तकनीक को अपनाने की अपील।
- नदियों की स्वच्छता और बहाव को “धरती की धमनियों” की संज्ञा देते हुए संरक्षण का आह्वान।
राजनीतिक और विकासात्मक संकेत
- यह उद्घाटन सिर्फ औद्योगिक विकास का प्रतीक नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन सरकार के विजन को भी दर्शाता है।
- किसानों और युवाओं के साथ साथ उद्योगपतियों का विश्वास भी बढ़ा है।