#WATCH | On the comments by Pakistan Army chief terming Kashmir as a jugular vein, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "How can anything foreign be in a jugular vein? This is a union territory of India. Its only relationship with Pakistan is the vacation of illegally occupied… pic.twitter.com/zV9S0OnXhQ
— ANI (@ANI) April 17, 2025
कश्मीर को लेकर पाक सेना के बयान का भारत ने दिया जवाब
मुनीर की इस टिप्पणी पर भारत ने करारा जवाब दिया है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख द्वारा कश्मीर को गले की नस बताने वाली टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “कोई विदेशी चीज किसी के गले की नस में कैसे फंस सकती है? यह भारत का केंद्र शासित प्रदेश है। इसका पाकिस्तान के साथ एकमात्र संबंध उस देश द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए क्षेत्रों को खाली करना है।”
जनरल आसिम मुनीर के एक हालिया बयान का हिस्सा लगता है, जिसमें उन्होंने एक तरफ़ पाकिस्तान की विचारधारा और “दो राष्ट्र सिद्धांत” पर जोर दिया, तो दूसरी तरफ़ भारत और आतंकवाद को लेकर अप्रत्यक्ष बयान दिया।
आइए इस बयान को मुख्य बिंदुओं में समझते हैं:
“हम हिंदुओं से अलग हैं” – दो राष्ट्र सिद्धांत की पुनर्पुष्टि
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मुनीर ने स्पष्ट रूप से कहा कि:
“हमारे पूर्वजों ने सोचा कि हम हर एंगल में हिंदुओं से अलग हैं – रिवाज, धर्म, सोच। हम दो राष्ट्र हैं, एक नहीं।”
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यह सीधा मुहम्मद अली जिन्ना के दो-राष्ट्र सिद्धांत का हवाला है, जो पाकिस्तान की स्थापना का वैचारिक आधार था।
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इसका मकसद पाकिस्तान की “मौलिक वैचारिक पहचान” को फिर से मजबूती से दोहराना है।
भारत पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी और आतंकवाद पर बयान
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उन्होंने भारत का नाम लिए बिना इशारा करते हुए कहा:
“1.3 मिलियन की मजबूत भारतीय सेना अगर हमें डरा नहीं सकती, तो आतंकवादी क्या कर लेंगे?”
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यह बयान पाकिस्तान में हालिया आतंकी हमलों के संदर्भ में आया है, जहां बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा जैसे क्षेत्रों में हिंसा बढ़ी है।
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उनका कहना था कि:
“हम जल्द ही आतंकवादियों की कमर तोड़ देंगे।”
इसमें एक तरह से उन्होंने आतंकवाद को “बाहरी शत्रुओं की साजिश” बताने की कोशिश की, जैसा कि अक्सर पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक व्यवस्था कहती रही है।
बयान के पीछे का संभावित उद्देश्य:
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आंतरिक एकजुटता दिखाना: पाकिस्तान में जब भी अंदरूनी अस्थिरता या आर्थिक संकट होता है, तो सेना ऐसी बयानबाज़ी कर के राष्ट्रवादी भावना को उभारने की कोशिश करती है।
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भारत के खिलाफ मनोवैज्ञानिक मोर्चा: भारत को सीधे नाम न लेकर भी एक सैन्य ताकत के रूप में संदर्भित कर यह दिखाना कि पाकिस्तान पीछे हटने वाला नहीं है।
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सेना की ताकत का संदेश: आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख दिखा कर सेना की केंद्रीय भूमिका को और मजबूत करना।