प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस समीक्षा बैठक में यमुना नदी के पुनरुद्धार को लेकर जो कदम उठाए जा रहे हैं, वो काफी महत्वपूर्ण हैं, खासकर दिल्ली जैसे बड़े महानगर के लिए, जहां यमुना सिर्फ एक नदी नहीं बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बैठक की मुख्य बातें इस प्रकार रही:
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जन भागीदारी पर ज़ोर: यमुना की सफाई और पुनरुद्धार में आम जनता की सहभागिता को बढ़ावा देने की बात की गई, ताकि यह सिर्फ सरकारी योजना न होकर एक सामूहिक आंदोलन बन सके।
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तकनीकी उपायों पर चर्चा: यमुना की स्थिति पर वास्तविक समय (रियल-टाइम) डेटा के आधार पर फैसले लिए जाएं, इसके लिए आधुनिक तकनीकों जैसे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी (space tech) के उपयोग की बात हुई।
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छठ पूजा के अनुभव में सुधार: प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि दिल्ली के नागरिकों को छठ पूजा जैसे पर्वों के दौरान साफ और सुरक्षित यमुना घाटों का अनुभव होना चाहिए, जो न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से जरूरी है, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी।
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एजेंसी-वार कार्ययोजना की समीक्षा: यमुना की सफाई में शामिल विभिन्न एजेंसियों की भूमिकाओं और उनकी प्रगति की समीक्षा की गई, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिम्मेदार एजेंसियाँ अपने-अपने कार्यों को समय पर और प्रभावी ढंग से पूरा करें।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति यह दर्शाती है कि यह विषय राष्ट्रीय महत्व का है और इसमें केंद्र व राज्य दोनों की सहभागिता आवश्यक है।
अगर आप चाहें तो मैं आपको यमुना पुनरुद्धार से जुड़ी योजनाओं की मौजूदा स्थिति, चुनौतियाँ, या इसमें जन भागीदारी कैसे हो सकती है – इस पर भी विस्तार से जानकारी दे सकता हूँ।
Yesterday, chaired a meeting on cleaning and rejuvenating the Yamuna as well as addressing drinking water related issues of Delhi. Centre will work closely with the Delhi Government to ensure world class infrastructure and ‘Ease of Living’ for my sisters and brothers of Delhi. pic.twitter.com/PV81cuIVnZ
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2025
यमुना नदी को सिर्फ एक पर्यावरणीय मुद्दा न मानकर एक सांस्कृतिक, सामाजिक और प्रशासनिक प्राथमिकता के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की इस समीक्षा बैठक में कई स्तरों पर विचार हुआ, जिससे लगता है कि इस बार यमुना पुनरुद्धार को लेकर गंभीरता कहीं अधिक है। आइए, इस पूरी बैठक और इससे जुड़े प्रमुख बिंदुओं को संक्षेप में समझें:
बैठक की प्रमुख बातें:
जन भागीदारी आंदोलन पर जोर
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स्वयंसेवकों की भर्ती और सार्वजनिक कार्यक्रमों के ज़रिए लोगों को यमुना पुनरुद्धार से जोड़ा जाएगा।
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यमुना को जनता के जीवन का हिस्सा बनाने की कोशिश, ताकि नदी के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी की भावना पैदा हो।
तकनीकी उपायों का समावेश
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रियल-टाइम डेटा (तात्कालिक आंकड़े) के आधार पर नालों, जलमल संयंत्रों, और प्रदूषण नियंत्रण पर निगरानी।
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अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग – नदी की सतह, प्रवाह, अवैध अतिक्रमण आदि की निगरानी में मददगार।
संस्कृति और पर्यावरण का समन्वय
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छठ पूजा जैसे त्योहारों को ध्यान में रखकर साफ घाट और सुगम पहुंच पर ज़ोर।
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ब्रज क्षेत्र के सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए “ब्रज यात्रा” को नदी-जागरूकता आंदोलन का हिस्सा बनाना।
बहुस्तरीय कार्य योजना
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तीन चरणों में कार्य विभाजन:
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अल्पकालिक (3 महीने)
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मध्यम अवधि (3 महीने – 1.5 साल)
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दीर्घकालिक (1.5 साल – 3 साल)
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सफाई, जलमल शोधन, औद्योगिक कचरा प्रबंधन, और हरित नदी तट विकास पर विशेष ध्यान।
दिल्ली की समग्र जल प्रबंधन योजना
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यमुना पुनरुद्धार को शहर के मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा।
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निगरानी, नीति, और योजना – तीनों को आपस में जोड़कर प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने की कोशिश।