बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की अग्रिम टीम श्री केदारनाथ धाम पहुंच गई है। श्री बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट आधिकारिक तौर पर 2 मई को फिर से खुलेंगे। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे। इस बीच, श्री मद्महेश्वर मंदिर (द्वितीय केदार) के कपाट 21 मई को खुलेंगे, और तीसरे केदार, श्री तुंगनाथ मंदिर भी 2 मई को फिर से खुलेंगे।
उत्तराखंड की धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए इसको संक्षेप में और क्रमबद्ध ढंग से समझते हैं:
बीकेटीसी (बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति) की गतिविधियाँ:
-
मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने:
-
श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट खुलने की तिथि तय करने हेतु बैठक में भाग लिया।
-
अगले दिन निरीक्षण यात्रा की जिसमें निम्नलिखित स्थान शामिल थे:
-
मां बाराही मंदिर, संसारी
-
मस्त नारायण कोटि
-
त्रियुगीनारायण मंदिर
-
गौरीमाता मंदिर
-
गौरीकुंड
-
सोन प्रयाग में मंदिर समिति विश्राम गृह
-
शोणितपुर (गुप्तकाशी) में संस्कृत महाविद्यालय का प्रस्तावित स्थल
-
-
चार धाम यात्रा की जानकारी:
-
चार धाम: यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ
-
दक्षिणावर्त यात्रा क्रम:
-
यमुनोत्री (यमुनाजी का उद्गम)
-
गंगोत्री (गंगाजी का उद्गम)
-
केदारनाथ (भगवान शिव)
-
बद्रीनाथ (भगवान विष्णु)
-
-
यह यात्रा आध्यात्मिक शुद्धि और मोक्ष का मार्ग मानी जाती है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी का बयान:
-
उन्होंने कहा कि:
-
चार धाम यात्रा की तैयारियाँ प्रगति पर हैं।
-
उन्होंने समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की है।
-
राज्य सरकार तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
-
यात्रा को राज्य की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा बताया।
-