मध्य प्रदेश के भोपाल में हिंदू लड़कियों के साथ रेप करने का मामला सामने आया है। पीड़िताओं का कहना है कि आरोपित लड़कों ने उन्हें अपना झूठा नाम बताकर प्रेम के जाल में फँसाया और फिर उनकी अश्लील वीडियोज बनाकर उन्हें पैसों और धर्मांतरण के लिए ब्लैकमेल करने लगे।
आरोपितों की पहचान फरहान खान, साहिल खान और अली खान के तौर पर हुई है। पुलिस ने इस मामले में 18 अप्रैल को केस दर्ज किया था, लेकिन मीडिया में ये लगभग एक हफ्ते बाद आया है। शिकायत में बताया गया है कि तीनों आरोपित उसी कॉलेज के MBA छात्र हैं जिससे पीड़िताएँ ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही थीं।
सबसे पहले फरहान खान ने अपने कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रही छात्रा को फँसाया था। इसके बाद उसने पीड़िता के साथ संबंध बनाए और वीडियो में सब रिकॉर्ड करके उसे धमकाने लगा। आगे चलकर फरहान ने ही पीड़िता पर दबाव बनाया कि वो साहिल और अली से अपनी सहेलियों की दोस्ती करवाए।
जब डरकर पीड़िता ने ऐसा किया तो साहिल और अली ने बाकी दो लड़कियों को अलग-अलग जगह मिलने बुलाया और पहली मुलाकात में ही उनके साथ संबंध बनाकर उनकी वीडियो बना ली। इसके बाद तीनों आरोपित पीड़िताओं पर धर्म बदलने का दबाव डाल रहे थे और बार-बार निकाह करने को कह रहे थे।
इसके अलावा आरोपित कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं से आए दिन पैसे भी माँगते थे। जब ये डिमांड और ब्लैकमेलिंग ज्यादा बढ़ने लगी, तब एक पीड़िता ने पुलिस में शिकायत देने का निर्णय लिया। वह बागसेवनिया थाने पहुँची। उसने पुलिस को बताया कि उसकी दो अन्य सहेलियाँ भी इसी तरह से शिकार बनाई गई हैं।
पुलिस ने जाँच शुरू करने के दौरान उन दोनों लड़कियों की भी काउंसलिंग कराई और बाद में पूछताछ में दोनों पीड़िताओं ने बताया कि अली खान ने अशोका गार्डन के एक होटल में युवती के साथ संबंध बनाए थे और साहिल खान ने जहाँगीराबाद के एक कमरे में।
पुलिस ने आगे की जाँच के लिए केस को अशोक गार्डन और जहाँगीराबाद थाने भेजा, जिसके बाद पुलिस ने फरहान खान और साहिल खान को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है जबकि अली खान की तलाश जारी है। इस केस के खुलने के बाद पुलिस को संदेह है कि जाँच में और खुलासे हो सकते हैं। तीन आरोपितों और तीन पीड़िताओं के अलावा केस में और भी पीड़िताओं का पता चल सकता है।
अभी तक की जाँच में पुलिस को फरहान के मोबाइल से कई अन्य लड़कियों की तस्वीरें मिली हैं। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपित मध्य प्रदेश से नहीं हैं। इनमें दो बंगाल के हैं। पुलिस इस मामले में हर एंगल से जाँच कर रही है। इस केस को रेप, पॉक्सो एक्ट समेत धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। साथ ही निष्पक्ष जाँच के लिए SIT भी गठित की गई है।
बता दें कि कुछ समय पहले ऐसा ही पैटर्न अजमेर और ब्यावार से देखने को मिला था। उस समय भी मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू लड़कियों को इसी तरह निशाना बनाया गया था। आरोपित, स्कूल जाती पीड़िताओं को झाँसे में लेते थे, उनके साथ अश्लील हरकतें करते थे और फिर वीडियो वायरल करके उन्हें और प्रताड़ित करते थे।