कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल पांच साल के अंतराल के बाद 30 जून को शुरू होगी। यात्रा की देखरेख करने वाले विदेश मंत्रालय ने कहा कि तीर्थयात्रा अगस्त तक जारी रहेगी, जिसके लिए आवेदन विंडो खोल दी गई है। तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के तीर्थ स्थल पर 750 लोगों के कुल 15 जत्थे जाएंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि 50 तीर्थयात्रियों वाले पांच जत्थे उत्तराखंड से लिपुलेख दर्रे को पार करते हुए यात्रा करेंगे, जबकि 50 तीर्थयात्रियों वाले 10 जत्थे सिक्किम से नाथू ला दर्रे को पार करते हुए जाएंगे। इच्छुक तीर्थयात्री यात्रा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
इस वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं आवेदन
विदेश मंत्रालय ने बताया कि आवेदन स्वीकार करने के लिए https://kmy.gov.in वेबसाइट खोल दी गई है। आवेदकों में से यात्रियों का चयन निष्पक्ष, कंप्यूटर द्वारा तैयार, और लिंग-संतुलित चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन से लेकर यात्रियों के चयन तक की पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत है। इसलिए, आवेदकों को जानकारी प्राप्त करने के लिए पत्र या फैक्स भेजने की आवश्यकता नहीं है। वेबसाइट पर फीडबैक विकल्पों का उपयोग जानकारी प्राप्त करने, टिप्पणियां दर्ज करने या सुधार के लिए सुझाव देने के लिए किया जा सकता है।
Kailash Manasarovar Yatra, organised by the Ministry of External Affairs, is set to take place from June to August 2025. This year, 5 batches, each consisting of 50 Yatris, and 10 batches, each consisting of 50 Yatris, are scheduled to travel through Uttarakhand State crossing… pic.twitter.com/K5Jo8urFjN
— ANI (@ANI) April 26, 2025
बड़ी संख्या में लोग जाते हैं कैलाश मानसरोवर
बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा साल 2020 के बाद से नहीं हुई है। सरकार हर साल जून से उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा (1981 से) और सिक्किम में नाथू ला (2015 से) के दो आधिकारिक मार्गों से कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन करती है। हालांकि पिछले कुछ साल से चीन से तनाव की वजह से यह यात्रा बंद थी। कैलाश मानसरोवर यात्रा का हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों के लिए धार्मिक महत्व है और हर साल हजारों तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते हैं।