महाराष्ट्र सरकार ने लंदन में एक अंतरराष्ट्रीय नीलामी में मराठा योद्धा रघुजी भोसले प्रथम की ऐतिहासिक तलवार को खरीद लिया है। इसके बाद भोंसले घराने के संस्थापक राजे रघु जी भोसले की स्वर्ण जड़ित तलवार अब भारत आएगी। जानकारी के अनुसार, अंग्रेजों द्वारा 1817 में राजा रघु जी भोसले का खजाना लूट गया था। इस लूट में भोंसले घराने के संस्थापक राजे रघु जी भोसले की स्वर्ण जड़ित तलवार भी इंग्लैंड भेज दी गई थी। अचानक सोथबीज संग्रहालय ने उस तलवार की नीलामी का निर्णय लिया।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
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राजे रघुजी भोसले प्रथम नागपुर के भोंसले घराने के संस्थापक थे। उन्होंने 18वीं सदी में बंगाल, ओडिशा और दक्षिण भारत तक मराठा प्रभुत्व फैलाया।
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1817 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने नागपुर पर आक्रमण कर भोसले खजाना लूटा था, जिसमें यह तलवार भी शामिल थी।
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इसके बाद यह तलवार ब्रिटेन चली गई और हाल ही में लंदन के “सोथबी” नीलामी घर में इसके नीलामी की घोषणा हुई।
🔹 तलवार की वापसी:
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महाराष्ट्र सरकार ने ₹47.15 लाख की बोली लगाकर यह तलवार नीलामी में खरीदी।
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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तत्काल कार्रवाई की और सुनिश्चित किया कि यह सांस्कृतिक धरोहर वापस आए।
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तलवार को एक मध्यस्थ के माध्यम से खरीदा गया और इसकी वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ।
🔹 लोगों की भावनाएं:
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नागपुर में यह खबर फैलते ही भोसले राजघराने और आम लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।
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मुधोजी भोसले, जो रघुजी भोसले के वंशज हैं, उन्होंने तलवार की वापसी के लिए प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।
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मुधोजी और मुख्यमंत्री के बीच 29 अप्रैल को संवाद भी हुआ था।
🔹 सांस्कृतिक महत्व:
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यह तलवार मराठा युद्धशैली और शिल्प का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
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इसे नागपुर या महाराष्ट्र के किसी संग्रहालय में रखा जा सकता है ताकि लोग इसे देख सकें और मराठा इतिहास को जान सकें।